दो अक्तूबर को अंहिसा के दिन के रूप में याद किया जाता है - महात्मा गांधी का जन्मदिन। अहिंसा उनका सर्वप्रिय विषय था। आज समाज कितने तरह की हिंसा से पीड़ित है - सामाजिक हिंसा, घरेलु हिंसा, चिंता और तनाव। समाज को एक शांतिपूर्ण उत्सव चाहिए। आर्ट ऑफ़ लिविंग यही सिखाता है - हर दिन एक उत्सव है। आज के दिन को अहिंसा के दिन के रूप में मनाते हैं, और जब उत्सव होता है तो हिंसा नहीं होती। पर कम से कम आज, २ अक्तूबर का दिन अहिंसा के प्राचीन सिद्धांत को संमर्पित करते हैं।
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