आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र ,टेक्सास, अमरीका
१२, अप्रैल,२०११
प्रश्न: न्याय के लिये लड़ने के दौरान मैं शान्ति को कैसे संतुलित कर सकता हूँ ?
श्री श्री रवि शंकर: यही सम्पूर्ण भगवत गीता का सार है |भीतर से शांत रहकर जब आवश्यक हो तब कृत्य को करे | जब आवश्यक हो तो लड़े; परन्तु उस लड़ाई को अपने मन के भीतर ही न रखे | अक्सर हम भीतर ही लड़ते रहते है और बहार शांत रहते है| हमें इसका विपरीत करना चाहिये | ध्यान के द्वारा इस परिवर्तन को लाना आसान है | सत्व और ध्यान की शक्ति इसे आसान बना देती है |
आज रामनवमी है | रा का अर्थ है प्रकाश, और म का अर्थ है मैं | राम का अर्थ है “ मेरे भीतर का प्रकाश” राम का जन्म दशरत और कौशल्या के यहां हुआ था | दशरथ का अर्थ है “दस रथ” | दस रथ पांच इन्द्रियों और पांच ज्ञान और कृत्य को दर्शाता है |(उदाहरण के लिये; प्रजनन,पैर,हाथ इत्यादि) कौशल्या का अर्थ है ‘कौशल’ | अयोध्या का अर्थ है, “ऐसा समाज जहां कोई हिंसा नहीं है” जब आप कुशलतापूर्वक इसका अवलोकन करते है, कि आपके शरीर के भीतर क्या प्रवेश कर रहा है,आपके भीतर प्रकाश का भोर हो रहा है |यही ध्यान है| आपको तनाव को मुक्त करने के लिए कुछ कौशल की आवश्यता होती है | फिर आपका फैलाव होने लगता है |
आपको पता है आप अभी यहां पर है फिर भी आप यहां पर नहीं है |इस एहसास से, कि कुछ प्रकाश तुरंत आता है | जब भीतर के प्रकाश मे चमक आ जाती है तो वह राम है | सीता जो मन/बुद्धि है, उसे अहंकार(रावण) ने चुरा लिया था | रावण के दस मुख थे | रावण (अहंकार) वह था, जो किसी की बात नहीं सुनता था | वह अपने सिर(अहंकार) मे ही उलझा रहता था | हनुमान का अर्थ श्वास है | हनुमान (श्वास) के सहायता से सीता(मन) अपने राम (स्त्रोत्र) के पास जा सकी |
रामायण ७,५०० वर्ष पूर्व घटित हुई |उसका जर्मनी और यूरोप और पूर्व के कई देशो पर प्रभाव पड़ा | हजारों से अधिक नगरों का नामकरण राम से हुआ |जर्मनी मे रामबौघ,इटली मे रोम का मूल राम शब्द मे ही है | इंडोनेशिया, बाली और जापान सभी रामायण से प्रभावित हुये |वैसे तो रामायण इतिहास है परन्तु यह एक ऐसी अनंत घटना है,जो हर समय घटित होती रहती है |
प्रश्न: गुरु आदर्श भक्त मे कौन से गुण देखना चाहते है?
श्री श्री रवि शंकर: कोई भी नहीं | यदि मैं कोई एक गुण बताऊंगा, तो आप उस गुण का अनुसरण करने लगेंगे | इसलिए स्वयं के साथ स्वाभाविक और ईमानदार रहे | यदि एक दिन भी आपका ध्यान करना रह जाता है तो उसके लिये परेशान न हो | समय आपको लेकर चल रहा है| जो भी अच्छे गुणों की तलाश आपको है, वह वैसे भी आप मे मौजूद है | आप यहां पर है और सब अच्छा ही कर रहे है|
उचित आहार से आप अपने शरीर को शुद्ध रख सकते है | साल मे दो तीन दिन व्रत रखना अच्छा होता है| रस लेकर व्रत करे |परन्तु यदि आपका शरीर इसकी अनुमति नहीं देता तो उसे न करे | आपको अपने शरीर की बात सुननी चाहिये |
मन प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया के द्वारा शुद्ध होता है |
बुद्धि ज्ञान के द्वारा शुद्ध होती है |
भावनाये भजन के द्वारा शुद्ध होती है |
सेवा के द्वारा कृत्य शुद्ध हो जाते है |
दान के द्वारा धन शुद्ध हो जाता है |
आपने अपने आय का २ से ३ % दान करना चाहिये |
प्रश्न: आने वाले वर्षों के लिये आपका आर्ट ऑफ लिविंग के लिये क्या दृष्टिकोण है?
श्री श्री रवि शंकर :मैने उसकी शुरुवात कर दी है | मैने अपना कृत्य कर दिया | अब यह आप पर है | आपके पास दृष्टिकोण है, इसलिये आप उसे जहां ले जाना चाहे ले जाये | हम जर्मनी मे आर्ट ऑफ लिविंग के ३० वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहे है | हिटलर ने ७५ वर्ष पूर्व जिस ओलंपिक स्टेडियम का निर्माण करवाया था हम उसी मे होंगे | उसने युद्ध की शुरुवात वही से करी | जिस जगह से युद्ध की शुरुवात हुई, हम वही से शान्ति के सन्देश का प्रचार करेंगे |
प्रश्न: कई युद्धों का कारण धर्म क्यों होता है?
श्री श्री रवि शंकर:मुझे भी आश्चर्य होता है | विश्व मे १० प्रमुख धर्म है | चार मध्य पूर्वी देशो से और ६ पूर्व देशो से | पूर्व के ६ धर्मो मे कोई द्वंद नहीं है | इन ६ धर्मो मे कभी भी कोई द्वंद नहीं हुआ| हिंदू,बुद्ध,सिख, जैन,शिंटो और ताओ धर्म एक ही समय आस्तित्व मे थे | जब राष्ट्रपति निक्सन जापान गये , तो उनके एक तरफ शिंटो संत थे और दूसरी तरफ बौद्ध संत थे | उन्होंने शिंटो संत से प्रश्न किया कि जापान मे शिंटो कितने प्रतिशत है? संत ने कहा-८०% |फिर उन्होंने बौद्ध संत से प्रश्न किया , कि जापान मे बुद्ध कितने प्रतिशत है? संत ने कहा-८०%| निक्सन को आश्चर्य हुआ कि यह कैसे संभव है| शिंटो बुद्ध मंदिरों मे जाते है और बुद्ध शिंटो मंदिरों मे जाते है |उसी तरह हिंदू सिख गुरूद्वारो मे जाते है,और सिख हिंदू मंदिरों मे जाते है | भारत मे यही बात हिंदू और बुद्ध लोगों के लिये कही जा सकती है |उसी तरह चीन मे बुद्ध और ताओ धर्म मे कोई द्वंद नहीं है
मध्य पूर्व के चार धर्मो मे हर समय युद्ध रहा |इन्होने अन्य ६ धर्मो से सीखना चाहिये कि कैसे एक साथ आस्तित्व मे रहना चाहिये | ईसाई और यहूदी धर्म मे मित्रता है | यहूदी और इस्लाम धर्म मे कोई आपसी मुद्दा है |
प्रश्न: कर्म और भाग्य मे क्या अंतर है?
श्री श्री रवि शंकर: भाग्य का अर्थ है विधि अर्थात यह ऐसा ही है | कर्म के अनेक अर्थ है | इसका अर्थ कृत्य या अप्रत्यक्ष कृत्य भी हो सकता है | किसी कृत्य के संस्कार के कारण कोई अन्य कृत्य भी उत्पन्न हो सकता है और उसे भी कर्म कह सकते है |
१२, अप्रैल,२०११
प्रश्न: न्याय के लिये लड़ने के दौरान मैं शान्ति को कैसे संतुलित कर सकता हूँ ?
श्री श्री रवि शंकर: यही सम्पूर्ण भगवत गीता का सार है |भीतर से शांत रहकर जब आवश्यक हो तब कृत्य को करे | जब आवश्यक हो तो लड़े; परन्तु उस लड़ाई को अपने मन के भीतर ही न रखे | अक्सर हम भीतर ही लड़ते रहते है और बहार शांत रहते है| हमें इसका विपरीत करना चाहिये | ध्यान के द्वारा इस परिवर्तन को लाना आसान है | सत्व और ध्यान की शक्ति इसे आसान बना देती है |
आज रामनवमी है | रा का अर्थ है प्रकाश, और म का अर्थ है मैं | राम का अर्थ है “ मेरे भीतर का प्रकाश” राम का जन्म दशरत और कौशल्या के यहां हुआ था | दशरथ का अर्थ है “दस रथ” | दस रथ पांच इन्द्रियों और पांच ज्ञान और कृत्य को दर्शाता है |(उदाहरण के लिये; प्रजनन,पैर,हाथ इत्यादि) कौशल्या का अर्थ है ‘कौशल’ | अयोध्या का अर्थ है, “ऐसा समाज जहां कोई हिंसा नहीं है” जब आप कुशलतापूर्वक इसका अवलोकन करते है, कि आपके शरीर के भीतर क्या प्रवेश कर रहा है,आपके भीतर प्रकाश का भोर हो रहा है |यही ध्यान है| आपको तनाव को मुक्त करने के लिए कुछ कौशल की आवश्यता होती है | फिर आपका फैलाव होने लगता है |
आपको पता है आप अभी यहां पर है फिर भी आप यहां पर नहीं है |इस एहसास से, कि कुछ प्रकाश तुरंत आता है | जब भीतर के प्रकाश मे चमक आ जाती है तो वह राम है | सीता जो मन/बुद्धि है, उसे अहंकार(रावण) ने चुरा लिया था | रावण के दस मुख थे | रावण (अहंकार) वह था, जो किसी की बात नहीं सुनता था | वह अपने सिर(अहंकार) मे ही उलझा रहता था | हनुमान का अर्थ श्वास है | हनुमान (श्वास) के सहायता से सीता(मन) अपने राम (स्त्रोत्र) के पास जा सकी |
रामायण ७,५०० वर्ष पूर्व घटित हुई |उसका जर्मनी और यूरोप और पूर्व के कई देशो पर प्रभाव पड़ा | हजारों से अधिक नगरों का नामकरण राम से हुआ |जर्मनी मे रामबौघ,इटली मे रोम का मूल राम शब्द मे ही है | इंडोनेशिया, बाली और जापान सभी रामायण से प्रभावित हुये |वैसे तो रामायण इतिहास है परन्तु यह एक ऐसी अनंत घटना है,जो हर समय घटित होती रहती है |
प्रश्न: गुरु आदर्श भक्त मे कौन से गुण देखना चाहते है?
श्री श्री रवि शंकर: कोई भी नहीं | यदि मैं कोई एक गुण बताऊंगा, तो आप उस गुण का अनुसरण करने लगेंगे | इसलिए स्वयं के साथ स्वाभाविक और ईमानदार रहे | यदि एक दिन भी आपका ध्यान करना रह जाता है तो उसके लिये परेशान न हो | समय आपको लेकर चल रहा है| जो भी अच्छे गुणों की तलाश आपको है, वह वैसे भी आप मे मौजूद है | आप यहां पर है और सब अच्छा ही कर रहे है|
उचित आहार से आप अपने शरीर को शुद्ध रख सकते है | साल मे दो तीन दिन व्रत रखना अच्छा होता है| रस लेकर व्रत करे |परन्तु यदि आपका शरीर इसकी अनुमति नहीं देता तो उसे न करे | आपको अपने शरीर की बात सुननी चाहिये |
मन प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया के द्वारा शुद्ध होता है |
बुद्धि ज्ञान के द्वारा शुद्ध होती है |
भावनाये भजन के द्वारा शुद्ध होती है |
सेवा के द्वारा कृत्य शुद्ध हो जाते है |
दान के द्वारा धन शुद्ध हो जाता है |
आपने अपने आय का २ से ३ % दान करना चाहिये |
प्रश्न: आने वाले वर्षों के लिये आपका आर्ट ऑफ लिविंग के लिये क्या दृष्टिकोण है?
श्री श्री रवि शंकर :मैने उसकी शुरुवात कर दी है | मैने अपना कृत्य कर दिया | अब यह आप पर है | आपके पास दृष्टिकोण है, इसलिये आप उसे जहां ले जाना चाहे ले जाये | हम जर्मनी मे आर्ट ऑफ लिविंग के ३० वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहे है | हिटलर ने ७५ वर्ष पूर्व जिस ओलंपिक स्टेडियम का निर्माण करवाया था हम उसी मे होंगे | उसने युद्ध की शुरुवात वही से करी | जिस जगह से युद्ध की शुरुवात हुई, हम वही से शान्ति के सन्देश का प्रचार करेंगे |
प्रश्न: कई युद्धों का कारण धर्म क्यों होता है?
श्री श्री रवि शंकर:मुझे भी आश्चर्य होता है | विश्व मे १० प्रमुख धर्म है | चार मध्य पूर्वी देशो से और ६ पूर्व देशो से | पूर्व के ६ धर्मो मे कोई द्वंद नहीं है | इन ६ धर्मो मे कभी भी कोई द्वंद नहीं हुआ| हिंदू,बुद्ध,सिख, जैन,शिंटो और ताओ धर्म एक ही समय आस्तित्व मे थे | जब राष्ट्रपति निक्सन जापान गये , तो उनके एक तरफ शिंटो संत थे और दूसरी तरफ बौद्ध संत थे | उन्होंने शिंटो संत से प्रश्न किया कि जापान मे शिंटो कितने प्रतिशत है? संत ने कहा-८०% |फिर उन्होंने बौद्ध संत से प्रश्न किया , कि जापान मे बुद्ध कितने प्रतिशत है? संत ने कहा-८०%| निक्सन को आश्चर्य हुआ कि यह कैसे संभव है| शिंटो बुद्ध मंदिरों मे जाते है और बुद्ध शिंटो मंदिरों मे जाते है |उसी तरह हिंदू सिख गुरूद्वारो मे जाते है,और सिख हिंदू मंदिरों मे जाते है | भारत मे यही बात हिंदू और बुद्ध लोगों के लिये कही जा सकती है |उसी तरह चीन मे बुद्ध और ताओ धर्म मे कोई द्वंद नहीं है
मध्य पूर्व के चार धर्मो मे हर समय युद्ध रहा |इन्होने अन्य ६ धर्मो से सीखना चाहिये कि कैसे एक साथ आस्तित्व मे रहना चाहिये | ईसाई और यहूदी धर्म मे मित्रता है | यहूदी और इस्लाम धर्म मे कोई आपसी मुद्दा है |
प्रश्न: कर्म और भाग्य मे क्या अंतर है?
श्री श्री रवि शंकर: भाग्य का अर्थ है विधि अर्थात यह ऐसा ही है | कर्म के अनेक अर्थ है | इसका अर्थ कृत्य या अप्रत्यक्ष कृत्य भी हो सकता है | किसी कृत्य के संस्कार के कारण कोई अन्य कृत्य भी उत्पन्न हो सकता है और उसे भी कर्म कह सकते है |