१३, मार्च २०११ को बैंगलुरु आश्रम
प्रश्न : बाइबिल दावा करती है कि यीशु मसीह ही सिर्फ जीवित भगवान हैं और इसलिए आपको मेरे अलावा किसी अन्य मूर्ती या भगवान की भक्ति नहीं करनी है | यदि भगवान एक ही है, तो वे कैसे होंगे ?
श्री श्री रवि शंकर : यह बात सभी ग्रंथो में कही गयी है| भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है, “माम् एकम् शरणं” आपको सिर्फ मेरे में शरण लेनी है और किसी मे भी नहीं | भगवान श्री कृष्ण और यीशु मसीह के शब्द बिलकुल समान है| “ मै ही सिर्फ इसका मार्ग/समाधान हूँ |
भगवान अनेक नहीं सिर्फ एक है| एक भगवान अनेक भाषा, अनेक रूपों और अनेक तरीको से पूजे जाते है | जब लोग दूसरों को भगवान के अन्य रूप में पूजते हुए देखते है, तो वे कहते है, कि एक और अन्य भगवान है, परन्तु भगवान कोई अन्य नहीं है वह सिर्फ एक है |और यदि उसे गुरुमुखी (पंजाबी) में या पाली या लैटिन में कहा जाये लेकिन उसका पर्याय एक ही है | आपको उनके कई नाम भी समान लगेंगे | भाषा और अभिव्यक्ति के अनेक रूप हो सकते है परन्तु उन सबका सार एक ही है | इसका गलत अर्थ समझ कर यह मानना कि यदि आप ईसाई है, तो ही आप स्वर्ग में जायेंगे अन्यथा नरक में जायेंगे या यदि आप मुसलमान है तो ही आप स्वर्ग में जायेंगे अन्यथा नरक में जायेंगे | इस किस्म का कट्टरवाद तभी उत्पन्न होता है जब आप में अन्य धर्म और उसके ज्ञान की समझ नहीं होती है |
सारे कट्टरवादी और आतंकवादी, अपने ग्रंथो को बताकर यह कहते है, कि सिर्फ उनका ही अकेला मार्ग है | अमरीका में मुझे एक सज्जन मिले और उन्होंने कहा कि स्वर्ग वह है जहां पर किसी विशेष धर्म के अनुयायी ही जाते है और बाकी सब अन्य नरक में जाते है | और मेरे मत में यदि ऐसा हुआ तो स्वर्ग अत्यंत ही सुनसान जगह और इतनी रंगीन भी नहीं होगी | वे तो यहाँ तक कहते है, कि यदि आप हमारे संप्रदाय को मानेंगे तो स्वर्ग में जायेंगे और उसी धर्म के अन्य संप्रदाय को नहीं मानने से भी | यही सभी धर्मो के लिए सत्य है, परन्तु इनके उपदेशो को ठीक से न समझ कर उसका गलत अर्थ निकला जाता है | वैष्णव संप्रदाय में भी वे कहते है, कि सिर्फ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करे और भगवान शिव की भक्ति न करे, और यदि आप भगवान शिव की भक्ति करेंगे तो आपको मुक्ति नहीं मिलेगी |
भगवान श्री कृष्ण ने स्पष्ट रूप से कहा है, “ सर्व धर्म त्याज्य” “आप सब कुछ छोड़ कर मेरी और सिर्फ मेरी शरण में आ जाओ | मैं आपको सारे पापों से मुक्त कर दूंगा |आप अपने आप को पापों से मुक्त नहीं कर सकते, मैं आपको पापों से मुक्त कर दूंगा | चिंता मत करो,उदास और दुखी मत हो, मैं आपको सारे पापों से मुक्त कर दूंगा” |
उसी तरह भगवान गौतम बुद्ध ने भी कहा – सारे देवता आकर आपकी रक्षा कर रहे है, और जैन धर्म में भी वैसी ही समान बाते कही गयी है |
इसलिए आपको उचित समझ आवश्यक है, अन्यथा उसका गलत अर्थ निकल आता है | इसलिए जान लीजिये कि भगवान एक है, एक ही चेतना है जिसे अनेक भाषा में कहा जाता है और ज्ञान को अनेक लोगो ने अनेक रूप में कहा है | यीशु मसीह ने कहा “ मेरे पहले जो लोग आये वे डाकू और चोर थे और अब मैं आ गया हूँ और अब आप सिर्फ मुझे देखे” यह इसलिए कहा गया क्युकि जब यीशु मसीह थे तो लोग उनकी बात नहीं सुनते थे और उन पर ध्यान नहीं देते थे | वे लोग सिर्फ अतीत के बारे में ही सोचते रहते थे | इसलिए उन्होंने कहा “ आपका मन अतीत के लोगो ने चुरा लिया है, इसलिये अब आप मैं जो कह रहा हूँ उसे सुने”|
भगवान श्री कृष्ण ने भी वही बात दोहराई-“ आप अतीत में फँसे हुए है,आप उसके लिए रो रहे हैं और चिंता कर रहे है, जो इसके योग्य नहीं है| इसलिये वर्तमान क्षण में रहिये !” |
ज्ञान को ठीक से समझ कर उचित रूप से ग्रहण करना चाहिये, अन्यथा कट्टरवाद पनपता है |
ईसाई धर्म का एक संप्रदाय कहता हैं,स्वर्ग जाने का यही मार्ग हैं, और आप मुसलमान धर्म के किसी संप्रदाय से बात करे तो वह कहेंगे कोई अन्य मार्ग नहीं है, हमारा मार्ग ही अकेला है | इसलिये विभिन्न लोग का यह कहना “ कि यही एक अकेला मार्ग हैं” का उद्देश्य उस समय के साधको का मन उसमे केंद्रित करना था |
प्रश्न : बाइबिल दावा करती है कि यीशु मसीह ही सिर्फ जीवित भगवान हैं और इसलिए आपको मेरे अलावा किसी अन्य मूर्ती या भगवान की भक्ति नहीं करनी है | यदि भगवान एक ही है, तो वे कैसे होंगे ?
श्री श्री रवि शंकर : यह बात सभी ग्रंथो में कही गयी है| भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है, “माम् एकम् शरणं” आपको सिर्फ मेरे में शरण लेनी है और किसी मे भी नहीं | भगवान श्री कृष्ण और यीशु मसीह के शब्द बिलकुल समान है| “ मै ही सिर्फ इसका मार्ग/समाधान हूँ |
भगवान अनेक नहीं सिर्फ एक है| एक भगवान अनेक भाषा, अनेक रूपों और अनेक तरीको से पूजे जाते है | जब लोग दूसरों को भगवान के अन्य रूप में पूजते हुए देखते है, तो वे कहते है, कि एक और अन्य भगवान है, परन्तु भगवान कोई अन्य नहीं है वह सिर्फ एक है |और यदि उसे गुरुमुखी (पंजाबी) में या पाली या लैटिन में कहा जाये लेकिन उसका पर्याय एक ही है | आपको उनके कई नाम भी समान लगेंगे | भाषा और अभिव्यक्ति के अनेक रूप हो सकते है परन्तु उन सबका सार एक ही है | इसका गलत अर्थ समझ कर यह मानना कि यदि आप ईसाई है, तो ही आप स्वर्ग में जायेंगे अन्यथा नरक में जायेंगे या यदि आप मुसलमान है तो ही आप स्वर्ग में जायेंगे अन्यथा नरक में जायेंगे | इस किस्म का कट्टरवाद तभी उत्पन्न होता है जब आप में अन्य धर्म और उसके ज्ञान की समझ नहीं होती है |
सारे कट्टरवादी और आतंकवादी, अपने ग्रंथो को बताकर यह कहते है, कि सिर्फ उनका ही अकेला मार्ग है | अमरीका में मुझे एक सज्जन मिले और उन्होंने कहा कि स्वर्ग वह है जहां पर किसी विशेष धर्म के अनुयायी ही जाते है और बाकी सब अन्य नरक में जाते है | और मेरे मत में यदि ऐसा हुआ तो स्वर्ग अत्यंत ही सुनसान जगह और इतनी रंगीन भी नहीं होगी | वे तो यहाँ तक कहते है, कि यदि आप हमारे संप्रदाय को मानेंगे तो स्वर्ग में जायेंगे और उसी धर्म के अन्य संप्रदाय को नहीं मानने से भी | यही सभी धर्मो के लिए सत्य है, परन्तु इनके उपदेशो को ठीक से न समझ कर उसका गलत अर्थ निकला जाता है | वैष्णव संप्रदाय में भी वे कहते है, कि सिर्फ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करे और भगवान शिव की भक्ति न करे, और यदि आप भगवान शिव की भक्ति करेंगे तो आपको मुक्ति नहीं मिलेगी |
भगवान श्री कृष्ण ने स्पष्ट रूप से कहा है, “ सर्व धर्म त्याज्य” “आप सब कुछ छोड़ कर मेरी और सिर्फ मेरी शरण में आ जाओ | मैं आपको सारे पापों से मुक्त कर दूंगा |आप अपने आप को पापों से मुक्त नहीं कर सकते, मैं आपको पापों से मुक्त कर दूंगा | चिंता मत करो,उदास और दुखी मत हो, मैं आपको सारे पापों से मुक्त कर दूंगा” |
उसी तरह भगवान गौतम बुद्ध ने भी कहा – सारे देवता आकर आपकी रक्षा कर रहे है, और जैन धर्म में भी वैसी ही समान बाते कही गयी है |
इसलिए आपको उचित समझ आवश्यक है, अन्यथा उसका गलत अर्थ निकल आता है | इसलिए जान लीजिये कि भगवान एक है, एक ही चेतना है जिसे अनेक भाषा में कहा जाता है और ज्ञान को अनेक लोगो ने अनेक रूप में कहा है | यीशु मसीह ने कहा “ मेरे पहले जो लोग आये वे डाकू और चोर थे और अब मैं आ गया हूँ और अब आप सिर्फ मुझे देखे” यह इसलिए कहा गया क्युकि जब यीशु मसीह थे तो लोग उनकी बात नहीं सुनते थे और उन पर ध्यान नहीं देते थे | वे लोग सिर्फ अतीत के बारे में ही सोचते रहते थे | इसलिए उन्होंने कहा “ आपका मन अतीत के लोगो ने चुरा लिया है, इसलिये अब आप मैं जो कह रहा हूँ उसे सुने”|
भगवान श्री कृष्ण ने भी वही बात दोहराई-“ आप अतीत में फँसे हुए है,आप उसके लिए रो रहे हैं और चिंता कर रहे है, जो इसके योग्य नहीं है| इसलिये वर्तमान क्षण में रहिये !” |
ज्ञान को ठीक से समझ कर उचित रूप से ग्रहण करना चाहिये, अन्यथा कट्टरवाद पनपता है |
ईसाई धर्म का एक संप्रदाय कहता हैं,स्वर्ग जाने का यही मार्ग हैं, और आप मुसलमान धर्म के किसी संप्रदाय से बात करे तो वह कहेंगे कोई अन्य मार्ग नहीं है, हमारा मार्ग ही अकेला है | इसलिये विभिन्न लोग का यह कहना “ कि यही एक अकेला मार्ग हैं” का उद्देश्य उस समय के साधको का मन उसमे केंद्रित करना था |