१२, अगस्त २०११, बैंगलुरू आश्रम
प्रश्न: गुरूजी मैं चाहता हूँ कि आप हर समय मेरे साथ रहें | इसके लिया मैं क्या करूं?
श्री श्री रविशंकर: यह जान लीजिये कि मैं आपके साथ हूँ | साधना, सेवा और सत्संग को करें - उसे न छोड़ें या भूलें | अपने कर्म को करें और ध्यान भी करें |
प्रश्न: धारणा और संकल्प में क्या अंतर है ?
श्री श्री रविशंकर: धारणा का अर्थ है कि किसी विशेष विचार को मन में रखना, जैसे जो आप ध्यान के शुरुआत में करते हैं | जैसे आप योग निद्रा में शरीर के विभिन्न हिस्सों में ध्यान को ले जाते हैं | उसी तरह जब आप श्वास या सिर के ऊपर के भाग पर ध्यान रखते हैं, उसे धारणा कहते हैं |
© The Art of Living Foundation
प्रश्न: गुरूजी मैं चाहता हूँ कि आप हर समय मेरे साथ रहें | इसके लिया मैं क्या करूं?
श्री श्री रविशंकर: यह जान लीजिये कि मैं आपके साथ हूँ | साधना, सेवा और सत्संग को करें - उसे न छोड़ें या भूलें | अपने कर्म को करें और ध्यान भी करें |
प्रश्न: धारणा और संकल्प में क्या अंतर है ?
श्री श्री रविशंकर: धारणा का अर्थ है कि किसी विशेष विचार को मन में रखना, जैसे जो आप ध्यान के शुरुआत में करते हैं | जैसे आप योग निद्रा में शरीर के विभिन्न हिस्सों में ध्यान को ले जाते हैं | उसी तरह जब आप श्वास या सिर के ऊपर के भाग पर ध्यान रखते हैं, उसे धारणा कहते हैं |
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