नाड़ी परिक्षण
आयुर्वेद के अनुसार, यदि हम
रोग का अनुभव कर रहे हैं, तो इसका
अर्थ है कि हमारे दोषों में असंतुलन है| हमारी तंत्र को संतुलन में वापस लाने का सूत्र इलाज है| आयुर्वेद मे रोग के निदान के लिए
एक प्रभावी शस्त्र नाड़ी परीक्षा,
या नाड़ी निदान होता है| आपकी कलाई पर अपनी उंगलियों रख कर, एक आयुर्वेदिक चिकित्सक आसानी से
शरीर में असंतुलन का पता लगा सकते हैं और एक
प्रभावी उपचार लिख सकते हैं|
आमतौर पर उपचार एक या दो रूपों में किया जा सकता है|
• पंचकर्म, एक ५ आयामी शरीर की शुद्धि का कार्यक्रम
• हर्बल दवाओं से
शरीर का संतुलन
आयुर्वेद शरीर की प्राकृतिक बुद्धिमत्ता को परेशान किये बिना स्वास्थ्य का समर्थन
करता है; आयुर्वेदिक उपचार किसी भी नकारात्मक पहलू को प्रभावित नहीं करता है| इस वजह से, दुनिया भर के लोग अब आयुर्वेद के प्राचीन
विज्ञान की तरफ मुड रहे हैं जिससे वे उसकी मदद से फायदा लेकर इष्टतम स्वास्थ्य को बनाए
रख सके| आयुर्वेद अपने दम
पर या एक एलोपैथिक उपचार के लिए पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है|