"धर्म का उद्देश्य है लोगों में आध्यत्मिक जागरूकता और समाज में ख़ुशी लाना है"

श्री श्री रवि शंकर जी ने ’पार्लियामेंट ऑफ़ वर्ल्ड रिलिजन’(Parliament of world religion) 2009 को संबोधित किया| उसी के कुछ अंश यहाँ पर है|

धर्म का उद्देश्य है कि वह लोगों में आध्यत्मिक जागरूकता और समाज में ख़ुशी लाये, व्यक्तिगत पहचान से सार्वभौमिकता की ओर ले जाए तथा इश्वर से मिला दे| ऐसे समय में जबकि ये आदर्श वास्तविकता से बहुत दूर हैं, ऐसी सभाएं जहाँ पर अलग अलग धर्मों के लोग एक साथ जमा हों,उनकी ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है कि ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहराई से विचार करें| ये हमारे ग्रह के बचाव के लिए अति आवश्यक है|
चाहे कुछ लोग यह सोचते है कि वे स्वर्ग को जा रहे हैं, और बाकि दूसरे लोग नरक में जा रहे है,वे सबके लिए इसे नर्क बना देंगे|
हमें बहु-सांस्कृतिक और बहु.धार्मिक शिक्षा को दुनिया के कोने कोने तक पहुँचाने की आवश्यकता है|
आज हिंसा खतरा बन गई है,चाहे यह घरेलू हिंसा हो या सामाजिक हिंसा - हम इसे हर अख़बार के पन्नों पे देखते है और एक तरह का गर्व हिंसा के साथ जोड़ा जा रहा है| स्कूलों में हिंसात्मक बच्चों को हीरो की तरह देखा जाता है|
जब हम बड़े हुए थे,महात्मा गाँधी और अहिंसा की कहानियां सुन कर बड़े हुए थे| अगर किसी व्यक्ति को गुस्सा आता था तो लोग सोचते थे कि कुछ गलत है और उन्हें मनोवैज्ञानिक के पास जाने कि आवश्यकता है| यहाँ तक कि आज हमारी फिल्मों में भी हिंसा को बढ़ावा देने की प्रथा बन गई है,जिसे हमें बदलना होगा-इसकी जिम्मेदारी हमारे समुदाय के उपर हैं जिसका आधार विश्वास है|
आज की दुनिया में दो प्रकार कि हिंसा है - धार्मिक हिंसा,जिसके बारे हम सब जानते हैं,परन्तु वामपंथी हिंसा भी है| भारत में 604 जिलों में से 212 जिलों में नक्सलवादियों का नियंत्रण है| ऐसे इलाकों में आध्यात्मिकता का पहुंचना जरुरी है,परन्तु इसके लिए हम सब को काम करना पड़ेगा| यहाँ तक कि कोलम्बिया,साउथ अमेरिका भी हिंसा से प्रभावित हैं| एफ़ बी ओ(Faith baised organizations) को काम करना पड़ेगा|
आज शाम को जब मैं संगीत की धुन सुन रहा था,मैंने इन सुंदर गायकों और कलाकारों को देखा,सब अपनी धुन बजा रहे थे परन्तु सब प्रशिक्षक का अनुसरण कर रहे थे|
सभी धार्मिक नेताओं को ऐसी भूमिका निभानी है| उस इश्वर को नजरंदाज नहीं किया जा सकता जिसने ये सुंदर विविधता रची है| अन्यथा हमारे पास एक धुनकी बजाय अव्यवस्था ही होगी|
इस संसार ने बहुत सी अव्यवस्था देखी है,आओ अब हम प्रशिक्षक की ओर ध्यान दे- GOD - Generator, Operator and Destroyer.भगवान जोकि बनाने ,चलाने और परिवर्तन लाने वाला है| एक पहलु पे ध्यान रखो परन्तु अपना वाद्य बजाते रहो| यदि हम सब एकता के एक सूत्र में ,मानवता के मूल्यों पर चलें,जोकि हम सब के दिलों में हैं ,तो किसी भी परम्परा और संस्कृति को कोई भी खतरा नहीं है|

मुझे कुम्भ मेले की याद आ गई जोकि हजारों सालों से चला आ रहा है| जब मैं पिछली बार कुम्भ मेले में था तो मैंने कुछ अद्दभुत देखा| 30 लाख लोग वहाँ जमा थे और फिर भी वहां कोई अपराध नहीं था,कोई हिंसा,कोई चोरी नहीं| कल्पना करके देखो लोग ऐसी आस्था रख सकतें हैं|
एक बार कुम्भ मेले में रात को बहुत ठण्ड थी,जनवरी का महीना था| हम बाहर कुछ कम्बल बाँटने के लिए गए|
इस तरह अपनेपन की भावना,एक दूसरे की मदद करना -केवल ऍफ़ बी ओ(FBO) ही दुनिया में इस तरह की भावना ला सकतें हैं|
समाज में सुधार लाने जैसे नेक कार्य करने और आत्मा के साथ ड़ने के लिए मैं आप सब को एक बार फिर से बधाई देता हूँ|
इस बात की जरुरत है कि हम पर्यावरण,बच्चों और कृषि से सम्बंधित मामलों पर गहराई से विचार करें | यह शब्द"पार्लियामेंट" सचमुच डरावना है| इसके बजाय मैं इसे परिवारिक पुनर्मिलन कहना चाहूँगा,क्योंकि पार्लियामेंट में बहुत टकराव होता है| सब की आस्था पर आधारित एक संगठन जोकि अवसाद की समस्याओं का हल निकालने के लिए इकट्ठा हुआ है|
डब्लू एच ओ (WHO) का कहना है कि अवसाद(depression) शीघ्र ही दुनिया का द्वितीय बढ़ा हत्यारा बन जाएगा| पोप्पिंग प्रोजेक (अवसाद के लिए एक दवा) पर्याप्त नहीं हैं|अफगानिस्तान से अपनी बहनों से यह सुन कर बहुत दुःख होता है कि वहां पूरी एक पीढ़ी अवसाद से पीड़ित है| 92 प्रतिशत पलेस्तीनी अवसाद ग्रस्त हैं| 160 लाख यूरो केवल इ यू में मानसिक रोग के इलाज के लिए खर्च किये जा रहे हैं|
हमें इस खतरनाक चक्रव्यूह से बाहर आना होगा| बहुत से लोगों के पास अच्छी कारें हैं,नौकरियां है और यदि अवसाद ग्रस्त हैं तो यह तो ऐसे हुआ जैसे लाश को कपड़े पहना रखें हो ,लाश का श्रृंगार किया हो|
हमें मानव मूल्यों को जानना होगा,और यह भी जानना होगा कि कैसे हम गहरे अवसाद,चिंता और हिंसा से बाहर निकल कर आत्मा को उन्नत्त कर सकें |
आओ हम सब मिल के कोई चतुर युक्ति से ठोस योजना बनाएं ताकि इस धरती का कोना कोना पहले जैसा हो जाए|

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