आपकी भेजी गई प्रविष्टियां में से चुनिंदा कविता


इस पल की सोच

क्यों उलझा है तू
कल और कल में?
अगर कुछ सोचना है,
तो इस पल की सोच..

इस पल में हंसी है,
इस पल में नमी है..
ध्यान से देखो
तो इस पल में सभी है..

कल जो खो गया
उसे कल में ही छोड़
अगर कुछ सोचना है,
तो इस पल की सोच..

ख्वाब देखना अच्छा है,
पर ख्वाबों में न रहना..
वो ख्वाब सच हो
तो इस पल को याद करना..

इस पल को खोकर
वो ख्वाब को ना मोड़
अगर कुछ सोचना है,
तो इस पल की सोच..

खोजते ख़ुशी ज़िन्दगी हमारी,
कहीं यूही न कट जाए सारी
इस पल में रहकर तो देख,
शायद इस में खुदा मिल जाए..

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