२८
२०१२
दिसंबर
|
बैड एंटोगस्त, जर्मनी
|
नवम्बर के आखिरी हफ्ते में , मैं महाराष्ट्र के कुछ एकांत
इलाकों का भ्रमण कर रहा था | कुछ ऐसे गांव और जिलें जहाँ मैं पहले कभी नहीं गया था | तो वहां
मुझसे मिलने बहुत से लोग आये |
एक गांव में मैंने अपने सेक्रेटरी से कहा , ‘तीन लोगों
का मोबाइल खो गया है , और वे बहुत गरीब लोग हैं | तो मेरे बैग में तीन नए मोबाइल
फोन रख दो |’
जब मैं वहां पहुंचा , तो वहां २००० से २५०० वोलंटियर थे , और करीब
२ लाख लोगों की भीड़ थी | प्रोग्राम खत्म होने के बाद कब वोलंटियर मीटिंग हुई , तो मैंने
कहा , ‘आपमें से
तीन लोगों के मोबाइल फोन खो गए हैं | मैं ये बात जानता हूँ | आपमें से
जिन जिन लोगों के मोबाइल फोन खोये हैं , वे खड़े हो जाएँ’ , और केवल
तीन लोग खड़े हो गए
| एक महिला थीं , जो खड़ी हुई , और मैंने
उनसे कहा , ‘देखो , तुम
पिछले गुरूवार को मेरी फोटो के सामने रो रही थीं | तुम नहीं जानतीं थी कि तुम क्या
करो ,
किस तरह अपने परिवार का सामना करो क्योंकि एक बहुत महंगा मोबाइल फोन खो गया था , जिसकी
कीमत कम से कम दो-तीन महीनों की आमदनी जितनी होगी | ये लो , एक नया
मोबाइल फोन ले लो
|’
जब मैं ये सब कर रहा था , तब एक ग्रुप में से एक लड़का मेरे
पास आया और उसने अपनी कहानी सबके साथ बांटी | वह एक एडवांस कोर्स में था , और उसकी
पत्नी घर पर थी
, और वह अपनी पत्नी से बात करना चाहता था | उसके फोन
में बिल्कुल भी बैटरी नहीं थी , और वह अपना चार्जर घर पर ही भूल आया था | तो उसने
अपना फोन मेरी फोटो के सामने रख दिया और कहा , ‘गुरुदेव , मेरा फोन
चार्ज हो जाए’ |
अगली सुबह जब वह उठा , तो देखा कि फोन पूरा चार्ज था |
उस लड़के ने मुझे अपना फोन दिखाया , और कहा , ‘देखिये , डेढ़ साल
से मैंने अपने चार्जर को फ़ेंक दिया है , और अब मैं सिर्फ अपना फोन आपकी
फोटो के सामने रख देता हूँ और वह चार्ज हो जाता है |’
उसने अपना चार्जर ही फ़ेंक दिया !
मैंने कहा , ‘ये तो बहुत बड़ी बात है | मुझे तक अपना फोन चार्ज करने के
लिए चार्जर की ज़रूरत पड़ती है , और मेरा भक्त मेरी फोटो के सामने फोन रखकर उसे चार्ज करता है |’
देखिये , भक्त कितने शक्तिशाली हो सकते हैं |
मुझे लगा कि ये तो बहुत ही रोचक कहानी है | तो मैं
बंगलौर वापस आया और वहां रूस , पोलैंड और यूरोप भर से करीब १५० लोग आये हुए थे , और मैंने
ये कहानी उन्हें सुनायी , ‘देखो , मैं अपने फोन को बिना चार्जर के चार्ज नहीं कर सकता , और यहाँ
ये भक्त है ,
जिसने अपना चार्जर ही उठा कर फेंक दिया है , और वह हर दिन अपना फोन मेरी फोटो
के आगे रख कर चार्ज करता है |’
तो उन सब १५० लोगों ने कहा , ‘हाँ , ये हमारे साथ भी होता है |’
मेरी इस कहानी ने उन्हें बिल्कुल भी चौंकाया नहीं |
एक रूसी ने कहा , ‘ये मेरे साथ भी हो चुका है | एक दिन , मैंने भी
अपना फोन रखा और प्रार्थना करी कि वह चार्ज हो जाए , और वह वास्तव में चार्ज हो गया’ |
पोलैंड और स्केंडिनेविया के भक्तों ने भी इसी तरह के किस्से
सुनाये |
एक और व्यक्ति ने अपना अनुभव सुनाया और कहा , ‘मेरी गाड़ी
में पेट्रोल खत्म हो गया था और पेट्रोल की टंकी जीरो तक पहुँच गयी थी और टंकी खाली
हो चुकी थी |
लेकिन मैं गाड़ी चलाता गया , और खाली टंकी में ११७ किलोमीटर चला गया’ |
ऐसा कैसे हो सकता है ? ये तो ऐसा मालूम पड़ता है जैसे
प्रकृति के सारे नियम ही टूट गए हो |
मैं आपसे कहता हूँ , ‘हमें जीवन में चमत्कारों को होने
का मौका देना चाहिये | किसी का भी जीवन चमत्कारों से खाली नहीं है | सिर्फ
इतनी बात है ,
कि हम उन पर विश्वास नहीं करते हैं |
इस दुनिया के सभी रीति-रिवाज़ और दर्शनशास्त्र चमत्कारों पर ही
आधारित हैं |
बल्कि वे चमत्कारों से ही चलते हैं | केवल बाइबल में से सारे चमत्कार
निकाल दीजिए ,
और आपको लगेगा जैसे बाइबल का अस्तित्व ही नहीं है | इसी तरह , दुनिया
का कोई भी धार्मिक ग्रन्थ ले लीजिए , उसमें चमत्कार भरे पड़े हैं | लेकिन हम
ऐसा सोचते हैं ,
कि चमत्कार तो भूतकाल में होते थे , वर्तमान में नहीं होते | मैं आपसे
कहता हूँ ,
कि ये आज भी हो सकते हैं , वर्तमान क्षण में |
एक बार में बोस्टन एअरपोर्ट पर था , और एक
भक्त मेरे लिए कुछ भोजन लाया , और मेरे साथ यात्रा करने वाले चार लोगों के लिए भी | क्या आप
जानते हैं ,
कि मेरे साथ कितने लोग थे ? ६०-७० लोगों का एक बड़ा समूह , और वह भोजन जो चार लोगों के लिए
था –
उसे ६० लोगों ने मिल बाँट कर खाया | सबने वह भोजन खाया |
ये आपको सोचने पर मजबूर कर देता है – ऐसा
कैसे हो सकता है ?
इसका एक वैज्ञानिक स्पष्टीकरण भी है |
ये पूरा विश्व कुछ नहीं , बल्कि केवल तरंगें हैं ; सब कुछ
तरंगें हैं |
तत्व कुछ नहीं ,
बल्कि सिर्फ तरंगें है | तत्व और ऊर्जा ये दोनों एक ही हैं , ये केवल
तरंगें हैं
|
देखिये , जब आप किसी ऑटोमेटिक दरवाज़े के पास जाते हैं , तो वह
ग्लास का दरवाज़ा अचानक खुद ही खुल जाता है | ज़रा सोचिये , अगर इस
तरह की घटना आज से १००-२०० साल पहले होती | उस समय के लोग तो बिल्कुल पागल हो
जाते |
वे अचम्भे में पड़ जाते कि ये कैसे हो रहा है | आप केवल गए और अचानक दरवाज़ा खुल
गया |
आज हम ये जानते हैं कि ये बायो ऊर्जा के कारण हो रहा है | हमारे
शरीर से ऊर्जा का प्रवाह हो रहा है |
क्या आप जानते हैं कि इस तरह के ताले भी आते हैं , जिन्हें
सिर्फ एक ही व्यक्ति खोल सकता है ?
आपने बायोमेट्रिक तालों के बारे में सुना होगा | अगर उस
ताले में आपकी ऊर्जा समाहित होती है , तो फिर उस ताले को कोई और नहीं
खोल सकता |
सिर्फ जब आप उसे छुएंगे , वह तभी खुलेगा |
इसका अर्थ हुआ , कि हर एक कोई ऊर्जा प्रवाहित कर
रहा है |
जब आप प्रेम और भक्ति की अवस्था में होते हैं , तब आपकी
ऊर्जा इतनी शक्तिशाली , इतनी बड़ी होती है , कि अगर आप चाहें कि सेलफोन चार्ज
हो जाए ,
तो वह आसानी से चार्ज हो जाता है |
ये बायोमेट्रिक ताले की तीक्ष्ण ऊर्जा के जैसा है | जब आप
दरवाज़े के पास जाते हैं , तो दरवाज़ा खुल जाता है , क्योंकि आपकी ऊर्जा दरवाज़े के ऊपर
लगे एक छोटे से डिब्बे द्वारा पकड़ी जाती है |
इसी तरह , ये पूरा ब्रह्माण्ड सिर्फ ऊर्जा से बना है | ये सब
ऊर्जा ही है |
इसलिए ,
चमत्कारों को होने के मौका दीजिए |
ये सब कब मुमकिन है ? ये तभी हो सकता है जब आप अंदर से
खोखले और खाली हैं
|
जब , आपका दिल और दिमाग दोनों साफ़ और स्वच्छ हैं , तब आपके
भीतर सकारात्मक ऊर्जा पनपती है | लेकिन अगर आपका मन नकारात्मकता से भरा हुआ है , या आप
तनावग्रस्त हैं
, या फिर आप इधर उधर की बातों को लेकर निंदा कर रहे हैं , या बड़बड़ा
रहे हैं ,
खीझ रहे हैं ,
तब कोई चमत्कार संभव नहीं है | और तो और , जो सामान्य कार्य हैं , वे भी नहीं होते | आसान से
काम भी ठीक से नहीं होते , क्योंकि आपकी ऊर्जा बहुत कम और नकारात्मक है |
जब ऊर्जा बहुत अधिक है , तब जो आपको असंभव लगता है वह भी
होने लगता है |
यहाँ तक कि एक वैज्ञानिक के नज़रिए से भी , चमत्कार
वास्तव में हो सकते हैं |
कुछ भी असंभव नहीं है | आपको सिर्फ ये जानना है , कि ये सब
किस कार्य-प्रणाली से होता है , और चेतना की कौन सी अवस्था में वह होना संभव है |
आपमें से कितने लोगों को चमत्कारों का अनुभव हुआ है ? (बहुत से
लोग अपने हाथ उठाते हैं)
देखिये ! आपमें से हर एक किसी ने एक न एक चमत्कार होते हुए
देखा है |
देखिये ,
जब हम उस गहरे सम्बन्ध को महसूस करते हैं , जब उस प्रेम और भक्ति को अनुभव
करते हैं ,
तब ये सब सहजता से ही होता है |
अब अगर आप मुझसे पूछेंगे कि , ‘मैं अपनी भक्ति कैसे बढ़ाऊँ ?’
मैं कहूँगा , कि इसे बढ़ाने का कोई तरीका नहीं है | ऐसा करने
की बिल्कुल कोशिश न करें , सिर्फ विश्राम करिये |
यही समस्या है |
बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं , ‘मैं समर्पण कैसे करूँ ? मैं अपनी
भक्ति कैसे बढ़ाऊँ
?’
मैं आपसे कहता हूँ , ऐसा करने का कोई साधन नहीं है | लेकिन , अगर आप
मुझसे पूछेंगे , ‘मैं अपनी
नकारात्मकता से कैसे मुक्त होऊँ ?’ तब मैं कहूँगा , कि ‘हाँ , एक
रास्ता है’ |
कैसे ? जागिये और देखिये ! जागिये !! नकारात्मकता को छोड़ दीजिए | सोचिये , ‘सोहम और
सो वॉट !’
ये दोनों बातें हैं
|
पहली , जब कोई समस्या आये , या कोई नकारात्मकता आये , सिर्फ
इतना सोचिये , ‘तो क्या
हुआ ?
ठीक है |’
और फिर सोचिये , ‘सोहम’ (जिसका
अर्थ है ,
मैं ‘वही’ हूँ)
इस तरह आप अपनी नकारात्मकता से मुक्ति पा सकते हैं और अपने
उत्साह को बनाये रख सकते हैं |
आप जानते हैं , कि जब कोई अच्छा महसूस न कर रहा
हो ,
तब वे अपने आसपास के लोगों का भी मूड खराब कर देते हैं | और अगर
आप उनसे बात करेंगे
, तो आप देखेंगे , कि वे न केवल खुद दुखी बैठे हैं , बल्कि
बाकी सबको भी दुखी करने की कोशिश कर रहे हैं | यही उनका काम है |
अगर आप किसी व्यक्ति को पसंद नहीं करते , तो आप
उनकी निंदा करते रहते हैं , और अगर कोई और उन्हें पसंद भी करता है , तो आप
उनसे कहते हैं , ‘देखो , वो
व्यक्ति अच्छा नहीं है |’
और तो और , कुछ लोग तो इस बात को इतना घुमा फिर के कहते हैं , कि आप
उनकी नकारात्मकता का शिकार हो जाते हैं | वे कहते हैं , ‘देखो , मैं उस
इंसान के बारे में कोई गलतफहमी पैदा नहीं करना चाहता , इसलिए
मैं उनके बारे में कोई बात नहीं करूँगा | मैं उनके बारे में आपके विचारों
को बदलना नहीं चाहता |’ लेकिन नुकसान तो तब तक हो ही चुका होता है |
क्या आपने देखा कि क्या हुआ ? आपके मन में शक का बीज बो दिया
गया है |
तो इसलिए , जिन लोगों की ऊर्जा शक्ति बहुत कम होती है , जब वे
दुखी होते हैं ,
तो अपने साथ साथ सबको नीचे खींचते हैं | और फिर वो ये देखकर खुश होते हैं , कि बाकी
लोग दुखी हो गए हैं
|
वे ऐसा अनजाने में ही करते हैं | वे इसके बारे में सजग नहीं होते , वे नहीं
जानते कि वे ऐसा कर रहे हैं |
रामायण में एक कहानी है |
भगवान राम कि सेना के बन्दर चाहते थे कि वे भारत और श्री लंका
के बीच एक पुल बनाएँ , और पूरी सेना उसकी तय्यारी कर रही थी | तो
उन्होंने क्या किया
, कि हर पत्थर पर ‘श्री राम’ लिखते गए
और फिर उस पत्थर को वे पानी में डाल देते थे | और वह पत्थर तैरने लगता था |
अब जब भगवान राम खुद वहां पहुंचे , तो वे यह
देखकर आश्चर्यचकित रह गए , कि ये सब लोग पत्थरों पर उनका नाम लिख-लिख कर पानी में डाल
रहे हैं ,
और वे पत्थर तैर रहे हैं | तो वे भी कोशिश करने लगे कि वे भी ऐसा कर सकते हैं या नहीं | इसलिए , उन्होंने
एक पत्थर लिया और उसपर लिखा , ‘श्री राम’ , और फिर उसे पानी में डाल दिया , लेकिन वह
पत्थर डूब गया और तैरा नहीं | तब उनके भक्तों ने उन्हें बताया , ‘आप नहीं
जानते कि भक्ति क्या होती है | आप वो नहीं कर सकते जो हम कर सकते हैं |’
इसलिए , कहा जाता है कि भक्त एक कदम ऊपर होते हैं , और उनमें
अपार शक्ति होती है
|
प्रेम इस ग्रह की सबसे ताकतवर चीज़ है | किसी भी
व्यक्ति को ,
किसी भी परिस्थिति को , किसी भी कारण या किसी भी वजह से इसे नष्ट मत होने दीजियेगा |
हमारा प्रेम इतना नाज़ुक होता है , और हम
सिर्फ कुछ चंद लोगों की नकारात्मक बातें सुनकर , उस प्रेम को डांवाडोल कर देते हैं | उन लोगों
की नकारात्मक बातें हमारे सिर में चढ़ जाती हैं , और हम खुद आपनी उच्च ऊर्जा को
खत्म करने लगते हैं
|
अब इसका ये मतलब नहीं है , कि हम अंधे हो जाएँ | हमें
बुद्धि से तीक्ष्ण होना है और तर्क से सही होना है , और साथ ही ये जो सुन्दर तोहफा
हमें मिला है-जिसे प्रेम कहते हैं – इसे भी बचा कर रखना है | हमें इसे
बचाना है ,
ठीक वैसे ही जैसे आप अपने बच्चे की रक्षा करते हैं |
आप किस तरह अपने बच्चे को गिरने से बचाते हैं , खो जाने
से बचाते हैं ?
आप उसकी रक्षा करते हैं , उस पर हर वक्त नज़र रख कर , जब बच्चा इधर उधर जा रहा है , कहाँ जा
रहा है ,
क्या कर रहा है
| उसी तरह , हमें इस अंदर के खजाने को भी बचा कर रखना है | एक बार
जब हमें ये मिल जाए
, तो हमें इसकी सुरक्षा करनी है | ये बहुत ज़रूरी है |
चमत्कारों को होने का मौका दीजिए | ये नहीं , कि सिर्फ चुपचाप एक जगह बैठ गए , और फिर
कहा , ‘मैं चाहता
हूँ कि अब चमत्कार हो |’ नहीं , ऐसे नहीं |
मैं आपसे कहता हूँ , जब आप किसी चमत्कार के होने की
जिद्द करते हैं
, तो ये उतनी ही बेवकूफी की बात है , जितनी कि
अगर कोई आपको चमत्कार के द्वारा प्रभावित करने की कोशिश करे |
ऐसे किसी भी व्यक्ति के पास मत जाईये , जो आपको
चमत्कार से प्रभावित करने की कोशिश करे , और कहे , ‘मैं हवा
में से कोई चीज़ बना दूंगा |’ ये बिल्कुल भी सही नहीं है |
चमत्कारों के पीछे मत भागिए , लेकिन उसी समय उन्हें होने से
रोकिये भी नहीं
| कोई ऐसा व्यक्ति जो समता में है , जो मुक्त
है ,
वह कभी भी चमत्कार करने की कोशिश नहीं करेगा | चमत्कार स्वयं ही होते हैं , वे तो
जीवन का अंग हैं
| उन्हें होने दीजिए |
किसी को भी प्रभावित करने की कोशिश मत करिये , या कुछ
ऐसा बनाने का प्रयास मत करिये , ये अच्छा नहीं है |
क्या आप देख रहे हैं , कि मैं क्या कह रहा हूँ ?
ये आपकी चेतना की प्रौढ़ता और खिलना नहीं दर्शाता |
हमें किसी को भी प्रभावित करने की दरकार नहीं है | अगर कोई
ऐसा करने की कोशिश करता है , तो इसका मतलब वे वहां नहीं है , जहाँ वो समझते हैं , या जहाँ
उन्हें होना चाहिये
|
प्रेम और भक्ति की शक्ति इतनी अधिक होती है | और ये सब
(सेवा ,
साधना और सत्संग) सिर्फ इस तक पहुँचने की रास्ते हैं | सत्संग
में बैठिये ,
और देखिये कि किस तरह आपके भीतर की ऊर्जा ऊपर उठती है | इतनी
सारी प्रेरणास्पद कहानियां हैं जो आपको सुनने को मिलती हैं |
आप सबके पास कुछ प्रेरणादायक कहानियां हैं , आपको
उन्हें लिखना चाहिये और लोगों के साथ बांटना चाहिये , क्योंकि उससे अन्य लोगों को
प्रेरणा मिलेगी
|
मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ , क्योंकि जब आप ये सुनते हैं कि
किसी के साथ कुछ अच्छा हो रहा है , तो उसे सुनकर आप भी अच्छा महसूस करते हैं |
आजकल की दुनिया में आप हर समय इतनी सारी नकारात्मक बातें
सुनते रहते हैं
| आप सुनते हैं कि कहाँ डकैती हो गयी , या
बलात्कार हो गया
| आप सुनते हैं कि किसने किसको धोखा दिया , या आपके
आसपास क्या क्या अपराध हो रहे हैं |
जब आप ये सब सुनते हैं , तो आपकी भी जीवन में रूचि खत्म हो
जाती है |
बहुत से युवा लोग जीवन में दिलचस्पी कम हो जाती है , सिर्फ इस तरह की नकारात्मक खबरें
सुनकर |
गर्मियों में मैं कनाडा में था , और वहां एक दंपत्ति मुझसे मिलने
आये |
उन्होंने कहा , ‘गुरुदेव , हमारे १८
साल के बेटे ने आत्महत्या कर ली | वह बहुत ही बुद्धिमान युवा था | उसने एक पत्र छोड़ा जिसमें उसने
लिखा , ‘मम्मी , पापा , मैं इस
दुनिया को जीने लायक नहीं समझता | हर दिन कितने अपराध हो रहे हैं | मैं ऐसी
दुनिया में जीना नहीं चाहता और मैं इससे तंग आ चुका हूँ |’
आप जानते हैं उसकी ऐसी सोच कैसे बनी ? सिर्फ
न्यूज़ देखकर |
उसने अपने पत्र में आगे लिखा , ‘मुझे माफ करिये कि मैं आपके दुःख
और कष्ट का कारण बन रहा हूँ , लेकिन मैं जीना नहीं चाहता |’
तो उस लड़के ने ये पत्र लिखा , और फिर अपने आप को खत्म कर दिया |
हम सबको ये संकल्प लेना चाहिये , कि हम अपने आस पास के लोगों तक
अच्छी और सकारात्मक खबरें ही लायें , क्योंकि ये सृष्टि प्रेम से ही
नियंत्रित है ,
उस प्रकाश से ही प्रज्वलित है |
ये प्रकाश आप तक कितने उपहार लाता है , और कितने
सारे चमत्कार संभव हैं |
हर दिन मुझे दुनिया भर से लोगों की हज़ारों ई-मेल आती हैं , वे अपना
आभार प्रकट करते हैं और अपने जीवन में होने वाली आश्चर्यजनक बातें बताते हैं |
अब ऐसे अच्छा नहीं लगेगा अगर मैं उन सब चिट्ठियों को बाहर
आपके सामने लाऊँ
, लेकिन मैं आपसे कहूँगा , कि आपको अपने अनुभव लिखने चाहिये
और दूसरे लोगों के साथ बांटना चाहिये | ऐसे लोगों के जीवन में आशा की
किरण लाईये ,
जिन्हें उसकी सख्त ज़रूरत है |
आपको कहानियां बनाने की दरकार नहीं है | झूठी
कहानियां बनाना भी अति है | वह अच्छा नहीं है | लेकिन आपके जीवन में जो भी कुछ
अच्छा हो रहा है
, कम से कम वो तो आप दूसरों के जीवन में लाईये | आपको
लोगों को उसके बारे में सजग करना चाहिये |
अपने जीवन में होने वाली सभी सुन्दर बातों को लिखिए |
उसे छोटा ही रखिये , ज्यादा लंबा नहीं | कभी कभी
लोग इतनी लंबी कहानियां लिख देते हैं , कि आपका उन्हें पूरा पढ़ने का मन
भी नहीं करता | केवल
एक अनुच्छेद पढ़कर ही आप उसे बंद कर देना चाहते हैं | इसलिए , अपने
अनुभव लिखिए ,
लेकिन उन्हें छोटा और सारांश में लिखिए |
आप अपने किसी वास्तविक अनुभव को ही लिखिए जिसे आप जानते हैं
और बांटना चाहते हैं | वही होगा जो वास्तव में लोगों को प्रेरणा देगा |
आप जानते हैं , जब हम कोई सच्ची बात बांटते हैं , तो उससे
दूसरों की जिंदगी में बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है | यही वो
तरीका है जिससे हम लोगों को उस प्रकाश की तरफ , जीवन की तरफ , प्रेम की
तरफ मोड़ सकते हैं
|
इसकी आज पहले से भी ज्यादा ज़रूरत है |
हर दिन मुझे लोगों के इतने सारे पत्र आते हैं |
इनमें कुछ डॉक्टरों की कहानियां हैं ,
जिन्होंने आशा छोड़ दी थी , और उन्होंने कह दिया था कि कोई छह महीने में मर जाएगा , लेकिन
फिर भी वह मरीज आज सालों बाद भी जिंदा है |
तो इस तरह बहुत से इलाज भी हुए हैं | ऐसे
हज़ारों पत्र हैं
|
आज हमारी मानसिकता ऐसी हो गयी है कि हम इस ऊर्जा शक्ति के
क्षेत्र पर अब विश्वास नहीं करते | हम तो अब उन केमिकल गोलियों पर ज्यादा विश्वास करते हैं जो
डॉक्टर हमें लिख कर देते हैं | लेकिन आपको किसी भीई चीज़ की अति में नहीं जाना है | ऐसा मत
सोचिये , ‘ओह , गुरुदेव
ने ऊर्जा क्षेत्र के बारे में कहा है , तो आज से मैं कोई दवाई नहीं लूँगा , मैं उन
सबको बाहर फेंक दूंगा |’ नहीं ! हमें ये सब नहीं करना है |
हमें डॉक्टरों की सलाह लेनी है , लेकिन साथ ही मैं आपसे ये कह रहा
हूँ ,
कि चमत्कारों को होने का मौका दीजिए |
यही इसका सार है |
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