जीवन में चमत्कारों को होने का मौका देना चाहिये

२८
२०१२
दिसंबर
बैड एंटोगस्त, जर्मनी
आपने बहुत सी गुरु-स्टोरी सुनी हैं , है न ? तो आज मैं आपको एक भक्त-स्टोरी सुनाता हूँ |
नवम्बर के आखिरी हफ्ते में , मैं महाराष्ट्र के कुछ एकांत इलाकों का भ्रमण कर रहा था | कुछ ऐसे गांव और जिलें जहाँ मैं पहले कभी नहीं गया था | तो वहां मुझसे मिलने बहुत से लोग आये |
एक गांव में मैंने अपने सेक्रेटरी से कहा , तीन लोगों का मोबाइल खो गया है , और वे बहुत गरीब लोग हैं | तो मेरे बैग में तीन नए मोबाइल फोन रख दो |’
जब मैं वहां पहुंचा , तो वहां २००० से २५०० वोलंटियर थे , और करीब २ लाख लोगों की भीड़ थी | प्रोग्राम खत्म होने के बाद कब वोलंटियर मीटिंग हुई , तो मैंने कहा , आपमें से तीन लोगों के मोबाइल फोन खो गए हैं | मैं ये बात जानता हूँ | आपमें से जिन जिन लोगों के मोबाइल फोन खोये हैं , वे खड़े हो जाएँ’ , और केवल तीन लोग खड़े हो गए | एक महिला थीं , जो खड़ी हुई , और मैंने उनसे कहा , देखो , तुम पिछले गुरूवार को मेरी फोटो के सामने रो रही थीं | तुम नहीं जानतीं थी कि तुम क्या करो , किस तरह अपने परिवार का सामना करो क्योंकि एक बहुत महंगा मोबाइल फोन खो गया था , जिसकी कीमत कम से कम दो-तीन महीनों की आमदनी जितनी होगी | ये लो , एक नया मोबाइल फोन ले लो |’
जब मैं ये सब कर रहा था , तब एक ग्रुप में से एक लड़का मेरे पास आया और उसने अपनी कहानी सबके साथ बांटी | वह एक एडवांस कोर्स में था , और उसकी पत्नी घर पर थी , और वह अपनी पत्नी से बात करना चाहता था | उसके फोन में बिल्कुल भी बैटरी नहीं थी , और वह अपना चार्जर घर पर ही भूल आया था | तो उसने अपना फोन मेरी फोटो के सामने रख दिया और कहा , गुरुदेव , मेरा फोन चार्ज हो जाए’ |
अगली सुबह जब वह उठा , तो देखा कि फोन पूरा चार्ज था |
उस लड़के ने मुझे अपना फोन दिखाया , और कहा , देखिये , डेढ़ साल से मैंने अपने चार्जर को फ़ेंक दिया है , और अब मैं सिर्फ अपना फोन आपकी फोटो के सामने रख देता हूँ और वह चार्ज हो जाता है |’
उसने अपना चार्जर ही फ़ेंक दिया !
मैंने कहा , ये तो बहुत बड़ी बात है | मुझे तक अपना फोन चार्ज करने के लिए चार्जर की ज़रूरत पड़ती है , और मेरा भक्त मेरी फोटो के सामने फोन रखकर उसे चार्ज करता है |’
देखिये , भक्त कितने शक्तिशाली हो सकते हैं |
मुझे लगा कि ये तो बहुत ही रोचक कहानी है | तो मैं बंगलौर वापस आया और वहां रूस , पोलैंड और यूरोप भर से करीब १५० लोग आये हुए थे , और मैंने ये कहानी उन्हें सुनायी , देखो , मैं अपने फोन को बिना चार्जर के चार्ज नहीं कर सकता , और यहाँ ये भक्त है , जिसने अपना चार्जर ही उठा कर फेंक दिया है , और वह हर दिन अपना फोन मेरी फोटो के आगे रख कर चार्ज करता है |’
तो उन सब १५० लोगों ने कहा , हाँ , ये हमारे साथ भी होता है |’
मेरी इस कहानी ने उन्हें बिल्कुल भी चौंकाया नहीं |
एक रूसी ने कहा , ये मेरे साथ भी हो चुका है | एक दिन , मैंने भी अपना फोन रखा और प्रार्थना करी कि वह चार्ज हो जाए , और वह वास्तव में चार्ज हो गया’ |
पोलैंड और स्केंडिनेविया के भक्तों ने भी इसी तरह के किस्से सुनाये |
एक और व्यक्ति ने अपना अनुभव सुनाया और कहा , मेरी गाड़ी में पेट्रोल खत्म हो गया था और पेट्रोल की टंकी जीरो तक पहुँच गयी थी और टंकी खाली हो चुकी थी | लेकिन मैं गाड़ी चलाता गया , और खाली टंकी में ११७ किलोमीटर चला गया’ |
ऐसा कैसे हो सकता है ? ये तो ऐसा मालूम पड़ता है जैसे प्रकृति के सारे नियम ही टूट गए हो |
मैं आपसे कहता हूँ , हमें जीवन में चमत्कारों को होने का मौका देना चाहिये | किसी का भी जीवन चमत्कारों से खाली नहीं है | सिर्फ इतनी बात है , कि हम उन पर विश्वास नहीं करते हैं |

इस दुनिया के सभी रीति-रिवाज़ और दर्शनशास्त्र चमत्कारों पर ही आधारित हैं | बल्कि वे चमत्कारों से ही चलते हैं | केवल बाइबल में से सारे चमत्कार निकाल दीजिए , और आपको लगेगा जैसे बाइबल का अस्तित्व ही नहीं है | इसी तरह , दुनिया का कोई भी धार्मिक ग्रन्थ ले लीजिए , उसमें चमत्कार भरे पड़े हैं | लेकिन हम ऐसा सोचते हैं , कि चमत्कार तो भूतकाल में होते थे , वर्तमान में नहीं होते | मैं आपसे कहता हूँ , कि ये आज भी हो सकते हैं , वर्तमान क्षण में |
एक बार में बोस्टन एअरपोर्ट पर था , और एक भक्त मेरे लिए कुछ भोजन लाया , और मेरे साथ यात्रा करने वाले चार लोगों के लिए भी | क्या आप जानते हैं , कि मेरे साथ कितने लोग थे ? ६०-७० लोगों का एक बड़ा समूह , और वह भोजन जो चार लोगों के लिए था उसे ६० लोगों ने मिल बाँट कर खाया | सबने वह भोजन खाया |
ये आपको सोचने पर मजबूर कर देता है ऐसा कैसे हो सकता है ?
इसका एक वैज्ञानिक स्पष्टीकरण भी है |
ये पूरा विश्व कुछ नहीं , बल्कि केवल तरंगें हैं ; सब कुछ तरंगें हैं | तत्व कुछ नहीं , बल्कि सिर्फ तरंगें है | तत्व और ऊर्जा ये दोनों एक ही हैं , ये केवल तरंगें हैं |
देखिये , जब आप किसी ऑटोमेटिक दरवाज़े के पास जाते हैं , तो वह ग्लास का दरवाज़ा अचानक खुद ही खुल जाता है | ज़रा सोचिये , अगर इस तरह की घटना आज से १००-२०० साल पहले होती | उस समय के लोग तो बिल्कुल पागल हो जाते | वे अचम्भे में पड़ जाते कि ये कैसे हो रहा है | आप केवल गए और अचानक दरवाज़ा खुल गया |
आज हम ये जानते हैं कि ये बायो ऊर्जा के कारण हो रहा है | हमारे शरीर से ऊर्जा का प्रवाह हो रहा है |
क्या आप जानते हैं कि इस तरह के ताले भी आते हैं , जिन्हें सिर्फ एक ही व्यक्ति खोल सकता है ?
आपने बायोमेट्रिक तालों के बारे में सुना होगा | अगर उस ताले में आपकी ऊर्जा समाहित होती है , तो फिर उस ताले को कोई और नहीं खोल सकता | सिर्फ जब आप उसे छुएंगे , वह तभी खुलेगा |
इसका अर्थ हुआ , कि हर एक कोई ऊर्जा प्रवाहित कर रहा है |
जब आप प्रेम और भक्ति की अवस्था में होते हैं , तब आपकी ऊर्जा इतनी शक्तिशाली , इतनी बड़ी होती है , कि अगर आप चाहें कि सेलफोन चार्ज हो जाए , तो वह आसानी से चार्ज हो जाता है |
ये बायोमेट्रिक ताले की तीक्ष्ण ऊर्जा के जैसा है | जब आप दरवाज़े के पास जाते हैं , तो दरवाज़ा खुल जाता है , क्योंकि आपकी ऊर्जा दरवाज़े के ऊपर लगे एक छोटे से डिब्बे द्वारा पकड़ी जाती है |
इसी तरह , ये पूरा ब्रह्माण्ड सिर्फ ऊर्जा से बना है | ये सब ऊर्जा ही है | इसलिए , चमत्कारों को होने के मौका दीजिए |
ये सब कब मुमकिन है ? ये तभी हो सकता है जब आप अंदर से खोखले और खाली हैं |
जब , आपका दिल और दिमाग दोनों साफ़ और स्वच्छ हैं , तब आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा पनपती है | लेकिन अगर आपका मन नकारात्मकता से भरा हुआ है , या आप तनावग्रस्त हैं , या फिर आप इधर उधर की बातों को लेकर निंदा कर रहे हैं , या बड़बड़ा रहे हैं , खीझ रहे हैं , तब कोई चमत्कार संभव नहीं है | और तो और , जो सामान्य कार्य हैं , वे भी नहीं होते | आसान से काम भी ठीक से नहीं होते , क्योंकि आपकी ऊर्जा बहुत कम और नकारात्मक है |
जब ऊर्जा बहुत अधिक है , तब जो आपको असंभव लगता है वह भी होने लगता है |
यहाँ तक कि एक वैज्ञानिक के नज़रिए से भी , चमत्कार वास्तव में हो सकते हैं |
कुछ भी असंभव नहीं है | आपको सिर्फ ये जानना है , कि ये सब किस कार्य-प्रणाली से होता है , और चेतना की कौन सी अवस्था में वह होना संभव है |
आपमें से कितने लोगों को चमत्कारों का अनुभव हुआ है ? (बहुत से लोग अपने हाथ उठाते हैं)
देखिये ! आपमें से हर एक किसी ने एक न एक चमत्कार होते हुए देखा है | देखिये , जब हम उस गहरे सम्बन्ध को महसूस करते हैं , जब उस प्रेम और भक्ति को अनुभव करते हैं , तब ये सब सहजता से ही होता है |
अब अगर आप मुझसे पूछेंगे कि , मैं अपनी भक्ति कैसे बढ़ाऊँ ?’
मैं कहूँगा , कि इसे बढ़ाने का कोई तरीका नहीं है | ऐसा करने की बिल्कुल कोशिश न करें , सिर्फ विश्राम करिये |
यही समस्या है |
बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं , मैं समर्पण कैसे करूँ ? मैं अपनी भक्ति कैसे बढ़ाऊँ ?’
मैं आपसे कहता हूँ , ऐसा करने का कोई साधन नहीं है | लेकिन , अगर आप मुझसे पूछेंगे , मैं अपनी नकारात्मकता से कैसे मुक्त होऊँ ?’ तब मैं कहूँगा , कि हाँ , एक रास्ता है’ |
कैसे ? जागिये और देखिये ! जागिये !! नकारात्मकता को छोड़ दीजिए | सोचिये , सोहम और सो वॉट ! ये दोनों बातें हैं |
पहली , जब कोई समस्या आये , या कोई नकारात्मकता आये , सिर्फ इतना सोचिये , तो क्या हुआ ? ठीक है |’ और फिर सोचिये , सोहम (जिसका अर्थ है , मैं वही हूँ)
इस तरह आप अपनी नकारात्मकता से मुक्ति पा सकते हैं और अपने उत्साह को बनाये रख सकते हैं |
आप जानते हैं , कि जब कोई अच्छा महसूस न कर रहा हो , तब वे अपने आसपास के लोगों का भी मूड खराब कर देते हैं | और अगर आप उनसे बात करेंगे , तो आप देखेंगे , कि वे न केवल खुद दुखी बैठे हैं , बल्कि बाकी सबको भी दुखी करने की कोशिश कर रहे हैं | यही उनका काम है |
अगर आप किसी व्यक्ति को पसंद नहीं करते , तो आप उनकी निंदा करते रहते हैं , और अगर कोई और उन्हें पसंद भी करता है , तो आप उनसे कहते हैं , देखो , वो व्यक्ति अच्छा नहीं है |’
और तो और , कुछ लोग तो इस बात को इतना घुमा फिर के कहते हैं , कि आप उनकी नकारात्मकता का शिकार हो जाते हैं | वे कहते हैं , देखो , मैं उस इंसान के बारे में कोई गलतफहमी पैदा नहीं करना चाहता , इसलिए मैं उनके बारे में कोई बात नहीं करूँगा | मैं उनके बारे में आपके विचारों को बदलना नहीं चाहता |’ लेकिन नुकसान तो तब तक हो ही चुका होता है |
क्या आपने देखा कि क्या हुआ ? आपके मन में शक का बीज बो दिया गया है |
तो इसलिए , जिन लोगों की ऊर्जा शक्ति बहुत कम होती है , जब वे दुखी होते हैं , तो अपने साथ साथ सबको नीचे खींचते हैं | और फिर वो ये देखकर खुश होते हैं , कि बाकी लोग दुखी हो गए हैं |
वे ऐसा अनजाने में ही करते हैं | वे इसके बारे में सजग नहीं होते , वे नहीं जानते कि वे ऐसा कर रहे हैं |
रामायण में एक कहानी है |
भगवान राम कि सेना के बन्दर चाहते थे कि वे भारत और श्री लंका के बीच एक पुल बनाएँ , और पूरी सेना उसकी तय्यारी कर रही थी | तो उन्होंने क्या किया , कि हर पत्थर पर श्री राम लिखते गए और फिर उस पत्थर को वे पानी में डाल देते थे | और वह पत्थर तैरने लगता था |
अब जब भगवान राम खुद वहां पहुंचे , तो वे यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए , कि ये सब लोग पत्थरों पर उनका नाम लिख-लिख कर पानी में डाल रहे हैं , और वे पत्थर तैर रहे हैं | तो वे भी कोशिश करने लगे कि वे भी ऐसा कर सकते हैं या नहीं | इसलिए , उन्होंने एक पत्थर लिया और उसपर लिखा , श्री राम’ , और फिर उसे पानी में डाल दिया , लेकिन वह पत्थर डूब गया और तैरा नहीं | तब उनके भक्तों ने उन्हें बताया , आप नहीं जानते कि भक्ति क्या होती है | आप वो नहीं कर सकते जो हम कर सकते हैं |’
इसलिए , कहा जाता है कि भक्त एक कदम ऊपर होते हैं , और उनमें अपार शक्ति होती है |
प्रेम इस ग्रह की सबसे ताकतवर चीज़ है | किसी भी व्यक्ति को , किसी भी परिस्थिति को , किसी भी कारण या किसी भी वजह से इसे नष्ट मत होने दीजियेगा |
हमारा प्रेम इतना नाज़ुक होता है , और हम सिर्फ कुछ चंद लोगों की नकारात्मक बातें सुनकर , उस प्रेम को डांवाडोल कर देते हैं | उन लोगों की नकारात्मक बातें हमारे सिर में चढ़ जाती हैं , और हम खुद आपनी उच्च ऊर्जा को खत्म करने लगते हैं |
अब इसका ये मतलब नहीं है , कि हम अंधे हो जाएँ | हमें बुद्धि से तीक्ष्ण होना है और तर्क से सही होना है , और साथ ही ये जो सुन्दर तोहफा हमें मिला है-जिसे प्रेम कहते हैं इसे भी बचा कर रखना है | हमें इसे बचाना है , ठीक वैसे ही जैसे आप अपने बच्चे की रक्षा करते हैं |
आप किस तरह अपने बच्चे को गिरने से बचाते हैं , खो जाने से बचाते हैं ? आप उसकी रक्षा करते हैं , उस पर हर वक्त नज़र रख कर , जब बच्चा इधर उधर जा रहा है , कहाँ जा रहा है , क्या कर रहा है | उसी तरह , हमें इस अंदर के खजाने को भी बचा कर रखना है | एक बार जब हमें ये मिल जाए , तो हमें इसकी सुरक्षा करनी है | ये बहुत ज़रूरी है | चमत्कारों को होने का मौका दीजिए | ये नहीं , कि सिर्फ चुपचाप एक जगह बैठ गए , और फिर कहा , मैं चाहता हूँ कि अब चमत्कार हो |’ नहीं , ऐसे नहीं |
मैं आपसे कहता हूँ , जब आप किसी चमत्कार के होने की जिद्द करते हैं , तो ये उतनी ही बेवकूफी की बात है , जितनी कि अगर कोई आपको चमत्कार के द्वारा प्रभावित करने की कोशिश करे |
ऐसे किसी भी व्यक्ति के पास मत जाईये , जो आपको चमत्कार से प्रभावित करने की कोशिश करे , और कहे , मैं हवा में से कोई चीज़ बना दूंगा |’ ये बिल्कुल भी सही नहीं है |
चमत्कारों के पीछे मत भागिए , लेकिन उसी समय उन्हें होने से रोकिये भी नहीं | कोई ऐसा व्यक्ति जो समता में है , जो मुक्त है , वह कभी भी चमत्कार करने की कोशिश नहीं करेगा | चमत्कार स्वयं ही होते हैं , वे तो जीवन का अंग हैं | उन्हें होने दीजिए |
किसी को भी प्रभावित करने की कोशिश मत करिये , या कुछ ऐसा बनाने का प्रयास मत करिये , ये अच्छा नहीं है |
क्या आप देख रहे हैं , कि मैं क्या कह रहा हूँ ?
ये आपकी चेतना की प्रौढ़ता और खिलना नहीं दर्शाता |
हमें किसी को भी प्रभावित करने की दरकार नहीं है | अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है , तो इसका मतलब वे वहां नहीं है , जहाँ वो समझते हैं , या जहाँ उन्हें होना चाहिये |
प्रेम और भक्ति की शक्ति इतनी अधिक होती है | और ये सब (सेवा , साधना और सत्संग) सिर्फ इस तक पहुँचने की रास्ते हैं | सत्संग में बैठिये , और देखिये कि किस तरह आपके भीतर की ऊर्जा ऊपर उठती है | इतनी सारी प्रेरणास्पद कहानियां हैं जो आपको सुनने को मिलती हैं |
आप सबके पास कुछ प्रेरणादायक कहानियां हैं , आपको उन्हें लिखना चाहिये और लोगों के साथ बांटना चाहिये , क्योंकि उससे अन्य लोगों को प्रेरणा मिलेगी |
मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ , क्योंकि जब आप ये सुनते हैं कि किसी के साथ कुछ अच्छा हो रहा है , तो उसे सुनकर आप भी अच्छा महसूस करते हैं |
आजकल की दुनिया में आप हर समय इतनी सारी नकारात्मक बातें सुनते रहते हैं | आप सुनते हैं कि कहाँ डकैती हो गयी , या बलात्कार हो गया | आप सुनते हैं कि किसने किसको धोखा दिया , या आपके आसपास क्या क्या अपराध हो रहे हैं |
जब आप ये सब सुनते हैं , तो आपकी भी जीवन में रूचि खत्म हो जाती है | बहुत से युवा लोग जीवन में दिलचस्पी कम हो जाती है , सिर्फ इस तरह की नकारात्मक खबरें सुनकर |
गर्मियों में मैं कनाडा में था , और वहां एक दंपत्ति मुझसे मिलने आये |
उन्होंने कहा , गुरुदेव , हमारे १८ साल के बेटे ने आत्महत्या कर ली | वह बहुत ही बुद्धिमान युवा था | उसने एक पत्र छोड़ा जिसमें उसने लिखा , मम्मी , पापा , मैं इस दुनिया को जीने लायक नहीं समझता | हर दिन कितने अपराध हो रहे हैं | मैं ऐसी दुनिया में जीना नहीं चाहता और मैं इससे तंग आ चुका हूँ |’
आप जानते हैं उसकी ऐसी सोच कैसे बनी ? सिर्फ न्यूज़ देखकर |
उसने अपने पत्र में आगे लिखा , मुझे माफ करिये कि मैं आपके दुःख और कष्ट का कारण बन रहा हूँ , लेकिन मैं जीना नहीं चाहता |’
तो उस लड़के ने ये पत्र लिखा , और फिर अपने आप को खत्म कर दिया |
हम सबको ये संकल्प लेना चाहिये , कि हम अपने आस पास के लोगों तक अच्छी और सकारात्मक खबरें ही लायें , क्योंकि ये सृष्टि प्रेम से ही नियंत्रित है , उस प्रकाश से ही प्रज्वलित है |
ये प्रकाश आप तक कितने उपहार लाता है , और कितने सारे चमत्कार संभव हैं |
हर दिन मुझे दुनिया भर से लोगों की हज़ारों ई-मेल आती हैं , वे अपना आभार प्रकट करते हैं और अपने जीवन में होने वाली आश्चर्यजनक बातें बताते हैं |
अब ऐसे अच्छा नहीं लगेगा अगर मैं उन सब चिट्ठियों को बाहर आपके सामने लाऊँ , लेकिन मैं आपसे कहूँगा , कि आपको अपने अनुभव लिखने चाहिये और दूसरे लोगों के साथ बांटना चाहिये | ऐसे लोगों के जीवन में आशा की किरण लाईये , जिन्हें उसकी सख्त ज़रूरत है |
आपको कहानियां बनाने की दरकार नहीं है | झूठी कहानियां बनाना भी अति है | वह अच्छा नहीं है | लेकिन आपके जीवन में जो भी कुछ अच्छा हो रहा है , कम से कम वो तो आप दूसरों के जीवन में लाईये | आपको लोगों को उसके बारे में सजग करना चाहिये |
अपने जीवन में होने वाली सभी सुन्दर बातों को लिखिए |
उसे छोटा ही रखिये , ज्यादा लंबा नहीं | कभी कभी लोग इतनी लंबी कहानियां लिख देते हैं , कि आपका उन्हें पूरा पढ़ने का मन भी नहीं करता | केवल एक अनुच्छेद पढ़कर ही आप उसे बंद कर देना चाहते हैं | इसलिए , अपने अनुभव लिखिए , लेकिन उन्हें छोटा और सारांश में लिखिए |
आप अपने किसी वास्तविक अनुभव को ही लिखिए जिसे आप जानते हैं और बांटना चाहते हैं | वही होगा जो वास्तव में लोगों को प्रेरणा देगा |
आप जानते हैं , जब हम कोई सच्ची बात बांटते हैं , तो उससे दूसरों की जिंदगी में बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है | यही वो तरीका है जिससे हम लोगों को उस प्रकाश की तरफ , जीवन की तरफ , प्रेम की तरफ मोड़ सकते हैं |
इसकी आज पहले से भी ज्यादा ज़रूरत है |
हर दिन मुझे लोगों के इतने सारे पत्र आते हैं |
इनमें कुछ डॉक्टरों की कहानियां हैं , जिन्होंने आशा छोड़ दी थी , और उन्होंने कह दिया था कि कोई छह महीने में मर जाएगा , लेकिन फिर भी वह मरीज आज सालों बाद भी जिंदा है |
तो इस तरह बहुत से इलाज भी हुए हैं | ऐसे हज़ारों पत्र हैं |
आज हमारी मानसिकता ऐसी हो गयी है कि हम इस ऊर्जा शक्ति के क्षेत्र पर अब विश्वास नहीं करते | हम तो अब उन केमिकल गोलियों पर ज्यादा विश्वास करते हैं जो डॉक्टर हमें लिख कर देते हैं | लेकिन आपको किसी भीई चीज़ की अति में नहीं जाना है | ऐसा मत सोचिये , ओह , गुरुदेव ने ऊर्जा क्षेत्र के बारे में कहा है , तो आज से मैं कोई दवाई नहीं लूँगा , मैं उन सबको बाहर फेंक दूंगा |’ नहीं ! हमें ये सब नहीं करना है |
हमें डॉक्टरों की सलाह लेनी है , लेकिन साथ ही मैं आपसे ये कह रहा हूँ , कि चमत्कारों को होने का मौका दीजिए |
यही इसका सार है |