एक भक्त ही दूसरों में भक्ति को जगा सकता है

चेन्नई, भारत

आज महासत्संग में उन तीनों तत्वों का समन्वय था, जो कि एक आर्ट आफ़ लिविन्ग उत्सव का समग्र हिस्सा हैं - गान, ग्यान और ध्यान। पाश्चात्य और भारतीय संगीत में निपुण गुणीजनों ने संगीत प्रस्तुत किया। तदुपरान्त, श्री श्री ने सबको संबोधित किया और सामूहिक ध्यान कराया।

किसी भी समय में गान, ध्यान और ध्यान का बड़ा महत्व है।

सत्य को आप ना नज़रअंदाज़ कर सकते हैं , ना नकार सकते हैं।

प्रेम वही है जिसे आप पूरी तरह छुपा भी नहीं सकते, जता भी नहीं सकते।

सौंदर्य को आप बांध कर नहीं रख सकते, उसका त्याग भी नहीं कर सकते।

प्रश्न: शरीर में मन किस स्थान पर रहता है?
श्री श्री: यह प्रश्न पूछने वाला कौन या क्या है? और वो क्या है जो इस प्रश्न का उत्तर सुनेगा? बुद्धि उत्तर को दर्ज करेगी, पर वस्तुतः वो मन है जो इस उत्तर की तलाश में है।


प्रश्न: पांचों इन्द्रियों को कैसे जीतें? क्या आप एक वाक्य में बतायेंगे?
श्री श्री: सूर्य के प्रकाश के आगे मोमबत्ती का महत्व नहीं रहता। वैसी ही अन्य चीज़ें निरर्थक हो जाती हैं।

प्रश्न: ये हम कब जान पाते हैं कि हम प्रेम से ही बने हैं?
श्री श्री: प्रेम को जाना या समझा नहीं जा सकता। इसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है। एक बच्चा अपनी मां से नहीं पूछता कि, "तुम्हारी योग्यता क्या है? तुम क्या करते हो? तुम्हारे मित्र कौन हैं? मुझे बताओ। तब मैं तुम्हें प्रेम करूंगा।" जैसे हमारा शरीर कार्बोहाईड्रेट्स और अमीनो ऐसिडस से बना है, हम एक ऐसे तत्व से बने हैं जो कि प्रेम है। क्रोध, लालच, ईर्ष्या ये सब प्रेम के ही विकृत रूप हैं।


प्रश्न: आतंकवाद का नियंत्रण कैसे करें?
श्री श्री: समस्त संसार में सभी धर्मों में यही चर्चा चल रही है कि आतंकवाद को कैसे रोकें। भारत के आध्यात्म और ज्ञान में इतनी ताकत है जिससे कि आतंकवाद और धर्मांधता को नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रश्न: क्या ज्योतिष एक विज्ञान है?
श्री श्री: हां, यकीनन ज्योतिष एक विज्ञान है। पर इसका अर्थ ये नहीं कि सभी ज्योतिषी वैज्ञानिक हैं!

प्रश्न: ऐलोपैथी में कैंसर या क्षयरोग का इलाज नहीं है। क्या आयुर्वेद या सिद्ध चिकित्सा पद्दति में इनका इलाज है?
श्री श्री: अवश्य है। तुम्हें पता है, सिद्ध चिकित्सा पद्दति केवल तमिल नाडू में ही उपलब्ध है। आयुर्वेद पूरे देश में उपलब्ध है।

प्रश्न: क्या २०१२ में दुनिया का अंत हो जायेगा? क्या ये सच है?
श्री श्री: १९९९ में लोग कहते थे कि नई सह्स्त्राब्दि के पूर्व दुनिया का विनाश हो जायेगा। कनाडा में तो कुछ लोगों ने छः छः महीने का राशन भी संग्रहित कर के रख लिया था! (हंसी)
२०१२ में एक सकरात्मक बदलाव आयेगा, और ये आध्यात्मिक होगा। तुम्हें पता है, दक्षिण ध्रुव के पास टेर डेल फ़िआगो में और उत्तरी ध्रुव के पास नौर्वे में लोग ध्यान कर रहे हैं, शाकाहारी हो रहे हैं, भारतीय परंपराओं को अपना रहे हैं और ॐ नमः शिवाय का जप कर रहे हैं।

प्रश्न: गुरुजी, हमारी दो बिनती हैं। आप चेन्नई में क्यों नहीं आते और यहां पर एक आश्रम क्यों नहीं शुरु करते?
श्री श्री: कल से यहाँ एक ध्यान केन्द्र खुलने जा रहा है। तुम सब यहाँ आकर ध्यान किया करना।

प्रश्न: हम ’आर्ट आफ़ लिविन्ग’ का एक टी वी चैनेल क्यों नहीं शुरु करते, ताकि ज्ञान सब तक पंहुचे?
श्री श्री: इसे सिर्फ़ एक चैनेल तक सीमित क्यों रखें? ये सभी चैनेलों पर होना चाहिये। (हंसी)
यदि तुम एक चैनेल शुरु करना चाहते हो तो मैं तुम्हारा प्रोत्साहन करता हूं। उस चैनेल में सिर्फ़ ध्यान और संगीत ना होकर आध्यात्मिक ज्ञान भी हो, और दुनिया में क्या हो रहा है उसकी भी खबर हो।
एक आखिरी बात, जब भी तुम्हें कोई चिंतायें सतायें, तुम पत्र या कोरियर के द्वारा मुझे दे दो। कुछ ऐसा करो जो तुम्हारे आसपास के लोगों के लिये उपयोगी हो। अगर तुम ऐसा करते हो तो तुम्हारे बाकी सब विषयों की देखभाल हो जायेगी।


art of living TV

© The Art of Living Foundation For Global Spirituality