एक बेहतर देश के लिए आपका योगदान

२०१२
दिसम्बर
नयी दिल्ली, भारत

जब मैं दीपक प्रज्वलित कर रहा था , तो उसमें थोड़ा समय लग रहा था | मैंने कहा तेल के दिए को आग पकड़ने में थोड़ा समय ज़रूर लगता है , लेकिन जब एक बार वह आग पकड़ लेता है तो जलता है’ |
इस देश के लोगों के साथ भी यही बात है | वे शुरुआत में थोड़ा धीमे होते हैं , लेकिन एक बार जब कुछ शुरू करते हैं , तो फिर रुकते नहीं हैं |
आप जानते हैं , कि भ्रष्टाचार वहां से शुरू होता है जहाँ अपनापन खत्म होता है |
कोई भी अपने परिवार या रिश्तेदारों के साथ भ्रष्ट नहीं होता , या उन लोगों के साथ जो उन्हें लगता है कि ये उनके अपने हैं |
जब अपनेपन की भावना खत्म हो जाती है , बस वहीँ उसी सीमा से भ्रष्टाचार शुरू होता है |
आर्ट ऑफ लिविंग में सभी वोलंटियर , टीचर और बाकी सब यही करने का प्रयास कर रहे हैं; इस अपनेपन की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं पूरा विश्व हमारा अपना है |
हर समुदाय , हर धर्म , हर आयु के लोग , चाहे वे ग्रामीण हों या शहरी वे सब हमारा ही हिस्सा हैं , और वे सब हमारे अपने हैं |
ये पूरी मानवता एक परिवार की तरह है , एक दूसरे की अपनी है यह एक नैतिक और न्यायसंगत समाज के लिए आवश्यक है |
हालाँकि यह सुनने में एक आदर्शलोक जैसा लगेगा , लेकिन हमें इस सपने को कभी नहीं छोड़ना चाहिये | हमें ऐसे समाज का स्वप्न देखना चाहिये और उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिये |
इस सही दिशा में लिया गया एक छोटा सा कदम भी हमें बहुत आगे ले जाएगा , और हम ये देख भी चुके हैं |

जब समाज में हिंसा और भ्रष्टाचार भरा होता है , तब ये किसी के भी रहने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है | और हम नहीं चाहते कि भारत में ऐसी डर और अन्यायपूर्ण जगह बने , जहाँ लोग खुद को सुरक्षित महसूस न करें | ये भारत नहीं है |
यहाँ तो लोग हमेशा से निडर रहे हैं | हर धर्म , हर संस्कृति , हर भाषा ने इस भूमि में संरक्षण पाया है | लेकिन आज हमें बिल्कुल अलग ही तस्वीर दिखती है , जहाँ लोग अलग अलग तरह के डर के साथ जी रहे हैं | महिलाओं के प्रति हिंसा , बच्चो के प्रति हिंसा दिन-रात बढ़ रहे हैं | इसलिए , अब हमें ये कदम उठाना पड़ेगा लोगों को साथ लाने का , और उन्हें सुरक्षित और भय-रहित बनाने का |

कल मैं 756 अपराधियों से मिला था | उन्हें यहाँ गुंडे कहते हैं |
कल हमने उन्हें एक नया नाम दिया है कर्णधार , जिसका अर्थ है वह जो समाज में एक नयी रोशनी , एक नयी आशा लाने का बीड़ा उठाये |
जब हमने उनसे सुना कि किस तरह केवल एक ही हफ्ते में उनका जीवन-परिवर्तन हो गया , (उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग का YLTP प्रोग्राम किया था) , तब हमारी आशा बिल्कुल आसमान छू गयी |
ये लोग जो झोपड़-पट्टियों में छोटे से लेकर बड़े बड़े अपराध करते हैं , अगर उनके दिल और मन परिवर्तित हों सकते हैं , तब तो हमारे मन में बहुत आशा है | और सिर्फ आशा ही नहीं , बल्कि इससे हमारे कन्धों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी आ जाती है |
जब हम ये जानते हैं कि हम बहुत कुछ कर सकते हैं , तब तो हमें वह करना ही पड़ेगा | हम चुप नहीं रह सकते |
Volunteer for a Better India (एक बेहतर देश के लिए आपका योगदान) एक बहुत ही सुन्दर पहल है | मुझे पूरा यकीन है कि आप सबमें से एक एक व्यक्ति हज़ारों स्वयंसेवकों को जुटाएगा , ताकि हम एक हिंसा-मुक्त , भ्रष्टाचार-मुक्त और न्यायपूर्ण भारत का सन्देश लोगों तक पहुंचा सकें |
क्या कहते हैं ? (सभी लोग कहते हैं , हाँ)

1 मार्च , 2009 को मुझे याद है कि कुछ आप जैसे स्वयंसेवक और कुछ YES+ के बच्चों ने India Against Terrorism (आतंकवाद के खिलाफ़ भारत) की शुरुआत करी थी , क्योंकि 2008 में भारत में १२ महीने में १३ आतंकवादी हमले हुए थे , और इन हमलों में कई सौ लोगों की जाने गयी थीं |
ये कितने दुःख की बात थी | कितने दुःख की बात है कि हमारे यहाँ ऐसे हादसे हुए | और वे आप थे , दिल्ली के युवा थे , जिन्होंने खड़े होकर इस आंदोलन की शुरुआत करी और किरण बेदी , केजरीवाल और बाकी सब को आमंत्रित किया | इसी आन्दोलन ने आगे चलकर India Against Corruption (भ्रष्टाचार के खिलाफ़ भारत) का बीज बोया |
इसलिए स्वयंसेवक बहुत कुछ कर सकते हैं , और आप ही असली प्रेरणा की शक्ति हैं |
अगर भारत के युवा आगे आकर इन मुद्दों को उठायें , जैसे बालिका-भ्रूणहत्या , नशामुक्ति के कार्यक्रम , शराब-मुक्ति के कार्यक्रम , और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कुछ ठोस कदम , तब आप बहुत कुछ बदल सकते हैं |
अपनी शक्ति को कम मत समझिए | मैंने आपसे कहता हूँ , कि आप चमत्कार कर सकते हैं | आप चीज़ों को 180 degree घुमा सकते हैं | आज के युवा और हमारे देश की नौजवान पीढ़ी ये आप ही हैं जिनके पास शक्ति है | और जब मैं कहता हूँ युवा’ , तो मेरा मतलब उन बहुत से वृद्ध युवाओं से भी है | (सब हँसते हैं)
ऐसे ही एक युवा ने कल अपनी शादी की 56वीं सालगिरह मनाई | ये दंपत्ति , मैं आपको क्या बताऊँ , वे 80 वर्ष के ऊपर हैं , लेकिन उनके अंदर का जोश और ऊर्जा अद्भुत है | यह होती है आंतरिक शक्ति’ |
पूर्णता और अंतर्ज्ञान सिर्फ तभी आ सकता है जब आपके पास आंतरिक शक्ति हों |
आंतरिक शक्ति का अर्थ है , जब आप जीवन को एक बड़े दृष्टिकोण से देखें , प्रेम और दायित्व के साथ देखें | जीवन वह छोटा सा समय है जो हम यहाँ , इस पृथ्वी पर बिताने वाले हैं , और उसके अनुसार ही हमें अपनी प्राथमिकताएं बनानी चाहिये |
मैंने आपको एक उदाहरण देना चाहता हूँ | गुजरात में एक IAS ऑफिसर है , जो आर्ट ऑफ लिविंग टीचर भी है |\अब अब इन सज्जन को 51 करोड़ रुपये लेने का प्रस्ताव आया , सिर्फ एक छोटे से कागज़ पर साइन करने के लिए | 51 करोड़  ! !
एक ऑफिसर कभी भी 51 करोड़ अपने एक जन्म में कमाने के बारे में सोच भी नहीं सकता | एक जन्म भी छोड़िये , बल्कि तीन जन्मों में भी वह 51 करोड़ नहीं कमा सकता |
मैंने कभी भी किसी भी ऑफिसर को 51 करोड़ कमाते हुए नहीं देखा , यानि 10 मिलियन डॉलर |
तो इन सज्जन को 51 करोड़ देने की पेशकश हुई , और इन्होंने कहा , नहीं , मैं साइन नहीं करूँगा’ |
अगर उन्होंने साइन कर भी दिए होते , तो भी किसी को पता नहीं चलता | वे कोई भी सफाई दे सकते थे उस पैसे को लेने के लिए |
वे कह सकते थे , ओह मैं ये पैसा लेकर गरीब लोगों में बांट दूंगा , या मैं समाज में कुछ अच्छा काम करूँगा’ |
10 मिलियन डॉलर बहुत बड़ी चीज़ होती हैं , लेकिन इस आदमी की ईमानदारी देखिये | इन्होंने उस पैसे को लेने से मना कर दिया | मुझे इन सज्जन पर इतना गर्व है !

अब ऐसा क्या है जो आपको इस तरह की आंतरिक शक्ति दे सकता है ?
आपको कोई वैरागी होने की ज़रूरत नहीं है; हाँ , एक वैरागी तो ये कर ही सकता है | लेकिन एक गृहस्थ को इस तरह के बड़े प्रस्ताव को ठुकराना आसान नहीं है , जब तक कि उसके अंदर वह आंतरिक शक्ति , और संतोष न हों |
संतोष , करुणा , ईमानदारी , पूर्णता , अंतर्ज्ञान ये सब नैतिक मूल्य आपके अंदर से खुद ही फूंटते हैं | और जो आपके जीवन में इन मूल्यों को पनपने में सहयता करता है , उसे मैं कहता हूँ आध्यात्मिकता’ |
सिर्फ कुछ प्रार्थनाएं करना नहीं , या पवित्र स्थानों की यात्रा करना नहीं , लेकिन इन नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में उतारना ही आध्यात्मिकता है |
असली श्रद्धा का यही अर्थ है; और यह श्रद्धा , यह विश्वास बहुत ज़रूरी है | स्वयं में विश्वास , और अपने आस-पास के लोगों में विश्वास |
आधे समय तो हम यही सोचते रहते हैं , कि सब लोग बुरे हैं , इस पूरे समाज में सिर्फ मैं ही कैसे ठीक हो सकता हूँ ?
जब आप हर एक को बुरा व्यक्ति ही समझते हैं - तब आप अंदर ही अंदर भ्रष्टाचार को स्वीकार करने की सफाई दे रहे होते हैं | आप सोचते हैं , अब क्या करें , ये तो जीवन का अंग है , हमें तो वैसे ही चलना पड़ेगा जैसा हो रहा है’ |
खुद को बचाने के लिए इस तरह की बातें आपके मन में आती हैं |
अब अगर आप (इस सबके विरुद्ध) खड़ा होना चाहते हैं , तो आपको आंतरिक शक्ति चाहिये होगी , और यही ध्यान है |
ध्यान करने से आपको वह आंतरिक शक्ति मिलती है , आपके व्यक्तित्व में वह पूर्णता आती है , और आपके जीवन में उस अंतर्ज्ञान को पनपने में सहायता करता है , जो पहले से ही आपके अंदर निहित है | मुझे लगता है कि यह बेहद ज़रूरी है |
जैसा कि मैं कह रहा था , कि जब मैं उन अपराधियों से बातचीत कर रहा था; बल्कि मुझे उन्हें अपराधी कहना ही नहीं चाहिये; उन्हें भटके हुए युवा कह सकते हैं , तो मुझे उन सबमें एक सुंदरता दिखी | बस ऐसा हुआ कि उन्हें अपने तनाव और गलतफहमियों से छुटकारा पाने का अवसर ही नहीं मिला |
उन्हें ये मौका दिया ही नहीं गया कि वे अपनी परेशानियों और टेंशन से मुक्त हो पाएं , और ये समझ पाएं , कि समाज में पर्याप्त प्रेम है , कि इस ग्रह पर अच्छे लोग भी हैं , आस-पड़ोस में रहने वाले अच्छे लोग जो उनकी मुसीबत के समय में उनके साथ खड़े हो जायेंगे |
ऐसे लोग हैं , जो आपक्से साथ खड़े होते हैं , आपके कंधे से कंधा मिला कर आपकी मदद करने को तैयार रहते हैं |
समाज की अच्छाई में ऐसा विश्वास हमें दोबारा जगाना होगा | जब तक ये नहीं होगा , समाज में नैतिकता टिक नहीं पाएगी |
जिस समाज में मानवीय मूल्यों में विश्वास नहीं है , लोगों में आपसी विश्वास नहीं है , और समुदायों में आपस में विश्वास नहीं है , ऐसे समाज में नैतिकता पनप ही नहीं सकती |
इसलिए , खुद पर विश्वास , आस-पास के लोगों पर विश्वास , और उस अनदेखे , अनसुने , और उसअज्ञात हाथ पर विश्वास जो हमेशा हमारी मदद कर रहा है ये सब ज़रूरी हैं |
आप इसे ईश्वर पर भरोसा कह सकते हैं , प्रकृति पर भरोसा कह सकते हैं या फिर कोई दैवीय शक्ति मान सकते हैं | ये सब एक न्यायपूर्ण , मुक्त और सुखी समाज के लिए ज़रूरी है |
इसलिए , Volunteer for a Better India (एक बेहतर देश के लिए आपका योगदान) न केवल समाज की बुराईयों और अस्वस्थता को साफ़ करेगा , बल्कि इस पर खुशी की लहरें फैलाने की भी जिम्मेदारी है |
आज , युनाइटेड नेशन (UN) , GDH (Gross Domestic Happiness) के बारे में बात करने लगा है | यानी कि किसी देश के विकास को मापने के लिए ये देखना कि उस देश में लोग कितने खुश हैं | नाकि , उस देश में कितना आर्थिक विकास हो रहा है , जिसे GDP (Gross Domestic Product) कहते हैं |
क्या आप जानते हैं , हमारे पड़ोसी देश भूटान का सबसे ज्यादा GDH है | हालांकि वह अभी तक काफी नियंत्रित देश रहा है लेकिन फिर भी इस देश ने अपनी खुशी बरकरार रखी है |
आज भी ग्रामीण भारत में , लोग ज्यादा खुश नज़र आते हैं | अगर उनके पास एक ग्लास लस्सी भी होगी , तो भी वे उसे आपक्से साथ बांटेंगे | उनके अंदर इतनी करुणा और इतना अपनापन है | वे आपसे आपकी पृष्ठभूमि नहीं पूछते , या ये नहीं पूछते कि आप कौन हैं , कहाँ से आये हैं , आपकी क्या शैक्षिक योग्यता है , या फिर आपका नाम क्या है | वे सबसे पहले कहेंगे , आईये अंदर आईये , चाय पीजिए या लस्सी पीजिए’ | और उसके बाद वे आपसे पूछेंगे , कि आप कहाँ से आये हैं , और आप क्या करते हैं |
तो इसलिए , वे अपना हाथ पहले बढ़ाते हैं , और उनके पास जो भी है , उसे आपके साथ बांटते हैं , और फिर बाक़ी सारे सवाल बाद में आते हैं |

दिल्ली , मुंबई और इस तरह के जितने बड़े शहर हैं , यहाँ तो हमें ये तक नहीं पता कि हमारे पड़ोसी कौन हैं | Volunteer for a Better India (एक बेहतर देश के लिए आपका योगदान) इन घेरों को तोड़ेगी , पड़ोसियों को साथ में लाएगी , समुदायों को साथ में लाएगी |
समुदाय साथ में मिलकर जब काम करते हैं , तो बहुत खुशी होती हैं | न केवल कन्या-भ्रूणहत्या और भ्रष्टाचार के लिए लड़ना , बल्कि ये एक खुशी की लहर ले कर आती है , जो कि डिप्रेशन (अवसाद) की बीमारी के लिए बढ़िया दवा है |
इन शब्दों के साथ , मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे आपको बहुत शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करे , ताकि आप Volunteer for a Better India (एक बेहतर देश के लिए आपका योगदान) के लिए काम कर सकें |
आर्ट ऑफ लिविंग केवल एक NGO है | मुझे लगता है कि मैं आर्ट ऑफ लिविंग में फंसा नहीं हूँ | ये बहुत सी संस्थाओं में से एक है और मैं बहुत सी संस्थाओं से जुड़ा हूँ केवल आर्ट ऑफ लिविंग से ही नहीं | इसलिए , मुझे आशा है कि आप भी ऐसा ही महसूस करते होंगे | और बाकी सभी NGO जो आज यहाँ मौजूद हैं , हम सब एक ही मानव परिवार के हिस्सा हैं , और हमारा एक ही लक्ष्य है , कि हम इस ग्रह पर और ज्यादा खुशियाँ व और ज्यादा मुस्कुराहट ला पाएं |
धन्यवाद !