(श्री श्री रवि शंकर ने अप्रैल १४,२०१० को लोस अन्जेल्स में 'आर्ट ऑफ़ लिविंग' सेंटर के उदघाटन समारोह में संबोधित किया| एक १०० साल पुराना चर्च 'आर्ट ऑफ़ लिविंग' सेंटर के रूप में रजिस्टर हो गया जिसमें योग,ध्यान,और सेवा को प्रोत्साहित किया जाएगा|)
श्री श्री रवि शंकर : यह इमारत दो उद्देश्य पूरे करती है| यह स्थानीय क्षेत्र में उत्साह और उत्सव लाएगी| दूसरा इस जगह ध्यान होने से शांति,संतुष्टि और ख़ुशी फैलेगी| यह जगह लोगों के सुंदर व्यक्तित्व का विकास करेगी| यही जीवन का उद्देश्य है कि हम अंदर से और अधिक सुंदर बनें|सुन्दर्ता केवल बाहरी सुन्दर्ता नहीं है| यह आत्मा का गुण है जो आपको और भी जीवंत और सुंदर बनाता है| एक आध्यात्मिक सेंटर वह है जहाँ हमारी आत्मा शांत होती है,शरीर शक्तिशाली बनता है और बीमारियों से मुक्त होता है,मन केन्द्रित होता है, और बुद्धि पक्षपात रहित और तीक्षण होती है| एक ऐसा स्थान जहाँ आप सभी समुदायों और विभिन्न संस्कृति के लोगों को अपनों की तरह गले लगाते हो|यह सब का घर है| खास कर यहाँ के स्थानीय लोग मेजबान हैं| मैं आपको बताना चाहूँगा आप सब हमारे हो और हम सब आपके हैं|
मैं चाहता हूँ कि हर आंसू एक मुस्कान में बदल जाए, और आसपास का हर युवा इसे आगे बढाए और इसे एक ऐसा पेड़ बना दे जिसकी जड़ें मजबूत हों और टहनियां दूर तक फैली हों| 'जड़ें मजबूत करें,विशाल दृष्टिकोण रखें और मानवता की सेवा करें' मैं चाहता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि यह सेंटर सारे इलाके के लोगों को यह प्रेरणा देगा| मैं चाहूँगा कि ये स्थान पुरुषों,स्त्रियों,बच्चों.युवाओ,वृद्धों और हर किसी के लिए उपयोगी हो|
हम सब के लिए यह एक बहुत सुंदर पल है| मैं सभी स्वयंसेवकों(volunteers) को बधाई देता हूँ जिन्होंने यह अद्भुत कार्य किया है| वे सभी अपना १०० प्रतिशत दे रहे हैं और बहुत अच्छा काम कर रहे हैं| जानते हो यह तभी हो सकता है जब प्रतिबद्धता और अपनेपन की भावना हो| जब आप खुश होते हो,आप हर किसी के साथ वह ख़ुशी बांटते हो और यह ख़ुशी तब मिलती है जब आप ध्यान से स्वयं में गहरे जाते हो|
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