राम का अर्थ है रोशनी| किरण और चमक जैसे शब्दों की उत्पत्ति राम से हुई है| रा का अर्थ चमक, म का अर्थ मैं, मेरा| राम का अर्थ है मेरे भीतर की रोशनी, मेरे दिल के अन्दर का उजाला| राम निसंदेह भगवान राम का नाम है जो ७५६० बी.सी. में यहाँ हुए, आज से लगभग ९००० साल पहले|
भगवान राम पूरे एशिया महाद्वीप से जुड़े हुए हैं,
समस्त इंडोनेशिया,
मलेशिया और कंबोडिया ये सब देश रामायण से जुड़े हैं| ये एक बहुत पुरातन महाकाव्य है,
जिसका असर आज भी बहुत अधिक है| हजारो साल के बाद भी भगवान राम अपने सत्य वचनों के लिए लिए जाने जाते हैं| उन्हें सब प्रकार के मानवीय व्यवहारों में आदर्श समझा जाता है| एक आदर्श मानवीय राजा| एक बार महात्मा गाँधी ने कहा था कि तुम मुझ से सब ले ले लो,
मैं जीवित रह सकता हुईं लेकिन अगर तुम मुझ से राम ले ले लो तो मैं नहीं जी सकता| उनके अंतिम शब्द थे,
हे राम| राम प्रायः भारत में सब जगह हैं| हर प्रदेश में किसी नगर का नाम रामपुर, रामनगर अवश्य है| अगर तुम एक चिट्ठी पर केवल रामनगर लिख दो तो डाक विभाग असमंजस में आ जाता है कि ये कौन सा वाला रामनगर है| भारत में हज़ारों रामनगर हैं| अध्यन से पता चला है कि यूरोप में भी बहुत सी जगह राम के नाम से सम्बंधित हैं|
संस्कृत में ऑस्ट्रेलिया को अस्त्रालय कहा जाता है| क्या आपको
पता है कि ऑस्ट्रेलिया का अर्थ क्या है?
अस्त्रालय का अर्थ है वो जगह जहाँ सब अस्त्र शस्त्र रखे जाते हैं| अस्त्र मतलब हथियार| रामायण के वक़्त वहां बहुत से अस्त्र रखे गए थे| वहां हथियार बनाये भी जाते थे| इन हथियारों की वजह से वहां मध्य में बहुत बड़ा रेगिस्तान था,
और वो वीरान था,
वो आज भी वहां है|
इसलिए रामनवमी पूरे भारत में मनाई जाती है,
ये एक बहुत पवित्र दिन है| अगर रामायण ७५०० बी सी की है तो महाभारत कब की है?
वो लगभग ५११० वर्ष पूर्व की है| कृष्ण ने लगभग ५११० वर्ष पूर्व अपना वो शरीर त्यागा था,
वो तारीख जिस दिन उन्होंने ऐसा किया, इतिहास में मौजूद है| महाभारत उस से कुछ वर्ष पूर्व की है|
योग वशिष्ठ, महर्षि वशिष्ठ द्वारा राम को दिया हुआ ज्ञान है| ये अब तक इस धरती के सर्वोत्तम ज्ञान में से एक है| आप में से कितने लोगो ने इसे पढ़ा है?
जिन्होंने नहीं पढ़ा वे इसे ज़रूर पढ़े| हो सकता है कि ये आपको समझ न आये,
एक बार नज़र डाले उस पर| ये सच में बहुत बहुत सुन्दर ज्ञान है| इसके कुछ हिस्से समझने में कुछ मुश्किल लगेंगे लेकिन फिर भी इसे पढ़े ज़रूर| योग वशिष्ठ एक तरीके के उच्च कोटि के गणित के जैसे है,
ये इतनी लोकप्रिय नहीं हुई क्योंकि ये समझने में मुश्किल है और इसे गुप्त रखा गया था| उस वक़्त विचार ये था कि ये सिर्फ उनको दी जाएगी जो इसके लायक हैं| इसे पी.एच.डी. के जैसे रखा गया था| ये भी एक वजह है कि ये इतनी लोकप्रिय नहीं हुई जितनी भगवत गीता| यहाँ तक की अष्टावक्र गीता के बारे में भी जनता इतना ज्यादा नहीं जानती| भगवत गीता आसान और व्यावहारिक है|© The Art of Living Foundation