२७
२०१२
अप्रैल
परम पूज्य श्री श्री रविशंकरजी के द्वारा
जीवन के ऐसे पाँच पवित्र रहस्य हैं जो प्रकृति के सूक्ष्म प्राणियों और देवदूतों से संरक्षित हैं|
१ . जन्मरहस्य
१ . जन्मरहस्य
जन्म एक रहस्य है| कैसे आत्मा एक शरीर, जन्म स्थान, जन्म समय, शरीर का प्रकार, पालक इत्यादि, इन सब का चुनाव किस आधार पर करती है, यह रहस्य है|
२. मृत्यु रहस्य
मृत्यु एक उच्च गहन रहस्य है| मृत्यु एक रहस्य बनी रहती है| शरीर से आत्मा की जुदाई की प्रक्रिया और फिर उसके आगे की यात्रा सबकुछ रहस्य है|
३. राज का रहस्य
राज करने के सिद्धांत; सृष्टि को सुचारू रूप से व्यवस्थित बनाए रखने के सिद्धांत भी एक रहस्य है|
४. प्रकृति का रहस्य
प्रकृति एक रहस्य है| जितना आप प्रकृति के बारे में जानते जाते हैं, रहस्य उनता ही गहरा होता जाता है| वैज्ञानिक जितना जान जाता है, उसे लगता है कि और बहुत कुछ जाना जा सकता है| विज्ञान जो सृष्टि के रहस्यों को उजागर करता है, वास्तव में वह उसे और गहन बना देता है| कणों, तरंगों के कृत्य, ब्लैक होल, शुन्य अवस्था इत्यादि ने सृष्टि के रहस्यों को और गहन बना दिया है|
५. मंत्र रहस्य
मंत्र और उनका प्रभाव, उसकी विधि और कार्य करने की प्रणाली सबकुछ एक रहस्य है| मंत्र चेतना का आवेश या लय है, जो अपने आप में एक रहस्य है| सामान्यतः रहस्य को पश्चिम में शर्मनाक और कपटी माना जाता है लेकिन पूर्व में इसे सम्मान के साथ पवित्र माना जाता है|