"बंधन मन में है"

बाद अन्तौगस्त, जरमनी
७ अगस्त २०१०


प्रश्न : क्या आप यहां सूरज को और अधिक ला सकते हैं?

श्री श्री रवि शंकर :
आज के लिये सूरज काफ़ी है। एक एक दिन की बात करते हैं।

प्रश्न : क्या जेनेटिकली मौडिफ़ाइड बीज ठीक हैं, या हमें उनका विरोध करना चाहिये?

श्री श्री रवि शंकर :
मुझे जेनेटिकली मौडिफ़ाइड भोजन ठीक नहीं लगता हैं। पर जेनेटिक प्रणाली से हम लोगों को बीमारियों तथा समस्याओं से मुक्ति दिला सकते हैं। जेनेटिकली मौडिफ़ाइड अनाज के बारे में मैं बहुत चिंतित हूं।

प्रश्न : गुरुजी, मैं मुक्त होना चाहता हूं। ऐसा कैसे करूं?

श्री श्री रवि शंकर :
(हंसी) मुक्ति? मैं मुक्त कैसे हो‍उंगा? तुम्हें ये मानना होगा कि तुम मुक्त हो। बंधन भी मन की एक मान्यता है, तो मुक्ति भी मान लो। बंधन मन में है।

आज एक बहुत ही ख़ास दिन है। हर दिन ख़ास होता है, पर आज ‘शनि प्रदोष’ है, यानि शनिवार की शिवरात्रि है। हर महीने में शिवरात्रि होती है। पूर्णिमा के तेरहवें दिन, या नये चंद्रमा के दो दिन पहले शिवरात्रि होती है। ये या तो सोमवार को होती है या शनिवार को। अगर ये शनिवार के दिन हो तो इसे बहुत ही शुभ मानते हैं। लोग जप करते हैं, और शाम को बहुत से शिव भजन गाते हैं तथा ध्यान करते हैं।

प्रश्न : गुरुजी, हमें प्रदोष के बारे में बताइये।

श्री श्री रवि शंकर :
प्रदोष ऐसा समय है जब पृथ्वी पर दिव्य शक्ति आकर सभी आत्माओं का उद्धार करती है। बहुत सी आत्मायें हैं। जो लोग मर कर आत्मा रूप में होते हैं, प्रदोष के दिन उनका उद्धार हो जाता है। मुक्ति मिलती है। केवल उस आत्माओं को ही नहीं, अपितु मनुष्यों को भी मुक्ति मिलती है। इच्छायें पूरी होती हैं और मन साफ़ हो जाता है। शिवरात्रि जो साल में एक बार आती है उसे महाशिवरात्रि कहते हैं। ये शिव की महान रात्रि बहुत ही ख़ास है।

हर महीने शिवरात्रि का पर्व होता है। इस उत्सव को मनाने में व्यस्त होने से चिंता करने या कुछ और करने का समय नहीं रहता।

प्रश्न : कृपया हमें प्रदूषण रोकने के उपाय बताइये।

श्री श्री रवि शंकर :
हमें अधिक वृक्षारोपण करना है, प्रकृति की देखभाल करनी है। कम गाड़ियां चलाओ, कार पूल करो, इत्यादि।

प्रश्न : कोई वादा कर के उसे वापस ले लें तो?

श्री श्री रवि शंकर :
वादे से अधिक महत्व की बात है कि सब के लिये क्या श्रेष्ठकर है। अगर तुमने अपने बेटी को स्कींग के लिये ले जाने का वादा किया हो, और बाद में मौसम ख़राब होने की चेतावनी सुनो, तो तुम क्या करोगे? क्या तुम उसे स्कींग के लिये ले जाओगे क्योंकि तुमने उससे वादा किया था? या तुम बुद्धिमानी से काम लोगो कि, ‘उस वादे से अब ख़ुशी नहीं मिलेगी तो मैं अपना वादा वापस लेता हूं?’


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