ज्ञान को अनुभव में परिवर्तित होने के लिये आपको ध्यान करना होगा!!!


१४.०२.२०१२, नेलमंगला, बैंगलुरू, कर्नाटक
यदि पानी उपलब्ध है और कोई प्यासा नहीं है, तो क्या कोई पानी पियेगा?
उसी तरह, मैं कौन हूँ, मुझे क्या चाहिये?” इन प्रश्नों का उदय सबसे पहले आपके मन में होना चाहिये?
सबको क्या चाहिये? सभी शांति, खुशी और संतुष्ट रहना चाहते हैं| कौन खुश रहना नहीं चाहता? तो फिर खुश रहने का क्या तरीका है?
यदि मन अतीत और भविष्य के चक्र में गोते खाता रहे, तो वह शांत कैसे हो सकता है| हमें मन को वर्तमान में लाने के लिये कुछ प्रयास करने पड़ते हैं| इसे योग कहते हैं|
महर्षि पतंजलि ने कहां है योग चित् वृत्ति निरोध (योग मन को उसके उसके उतार चढ़ाव के चुंगल से रोकने या मुक्त करने का कृत्य है)| मन की ५ प्रवृतियाँ होते है, जो पीड़ाकारक या अपीड़ाकारक हो सकती हैं|
सबसे पहली प्रवृति प्रमाण है; हर समय यह सोचना कि क्या सही या गलत है और हर बात का प्रमाण चाहिये| मन तीन तरह के प्रमाण की खोज में रहता है; प्रत्यक्ष (अनुभव से प्रमाण), अनुमान (अनुमान का प्रमाण) और अगम (ग्रंथ का प्रमाण)|
दूसरी प्रवृति है विपर्यय; जिसका अर्थ है गलत समझ| हम अपना ३/४ समय विपर्यय में व्यतीत करते है| या तो लोगों के बारे में हमारी राय गलत होगी या उनकी हमारे प्रति राय गलत होगी| आप सोचते हैं एक व्यक्ति अच्छा है और दूसरा बुरा है, लेकिन कुछ समय बाद आपकी राय उनके बारे में बदल जाती है| चीज जैसी है उसे वैसे न जानना विपर्यय है|
तीसरी प्रवृति विकल्प होती है जिसका अर्थ कल्पना करना और माया| यह किसी अस्तित्वहीन बात के बारे में कल्पना करना होता है| कुछ लोग कल्पना कर लेते हैं कि उन्हें कुछ हुआ है और फिर वे भयभीत हो जाते हैं | एक २० वर्ष का युवक मेरे पास आया जो कि पूरी तरह से स्वस्थ था लेकिन उसे लगता था कि उसे कई बीमारियाँ हैं| चिकित्सकों ने उसका परिक्षण किया और पाया कि सब कुछ ठीक है, लेकिन फिर भी उसे विश्वास नहीं हो रहा था| किसी अस्तित्वहीन चीज की आस्तित्व में होने की कल्पना करना या उसका भ्रम होना विकल्प है|
चौथी प्रवृति निद्रा होती है| यदि आप कुछ नहीं कर रहे है तो आपको नींद आती है| आजकल लोग काम करते समय भी सोते हैं| संसद में कई सांसद नींद लेते हुये या जम्हाई लेते हुये दिखाई पड़ते हैं|
स्मृति पांचवी प्रवृति होती है जिसका अर्थ है उसे याद करते रहना जो बीत गया|
हमें इन पाँच प्रवृत्तियों से मुक्त होना चाहिये| इनसे मुक्त होने पर ही मन सुखद हो जाता है| यह कैसे संभव है? यह प्राणायाम के द्वारा संभव है, और इस बात से सजग हो जाना कि जो बात गया वह सपने के अलावा कुछ भी नहीं था| आपने सुबह अपने दांत ब्रश किये, स्नान किया और नाश्ता खाया| यदि इस क्षण आप उसके बारे में विचार करेंगे तो पायेंगे कि वह सपने के अलावा कुछ भी नहीं था|
पिछले वर्ष आपने दीवाली और उगडी त्यौहार मनाये और अतीत में कई त्योहारों को मनाया| आपकी कई चिंताये थीं, कई चुनौतीपूर्ण और सुखद समय थे| आप उन सब से निकल कर यहाँ पर आये है| यह क्षण वह सब कुछ आपको कैसा लगता है? (श्रोतागण में से - एक सपने की तरह)|
यही वैराग्य है|
उसी तरह कुछ और दशक बीत जायेंगे, कुछ दिन अच्छे होंगे और कुछ दिन इतने अच्छे नहीं होंगे| इन उतार चढ़ाव के दिनों में यदि हम अपने मन को संतुलित रख सकें इस बात का हमें ध्यान रखना चाहिये| यह योग है| तदा दृस्थु स्वरुपे अवस्थनम; दृष्टा स्वयं में विश्राम करता है|
योग का अर्थ सिर्फ आसन करना नहीं होता, आसन योग का एक स्तंभ है| आसन के यह लाभ हैं कि शरीर स्वस्थ और मजबूत बन जाता है, श्वास कंपन मुक्त हो जाती है, मन सुखद हो जाता है, बुद्धि तीव्र हो जाती है, चेतना में आत्म बोध होने लगता है और अंतर्ज्ञान में सुधार होने लगता है| इसके अनगिनत लाभ हैं| इसलिये हम सब ने योग और ध्यान प्रतिदिन कुछ समय के लिये करना चाहिये|
आज विश्व के प्रत्येक कोने से लोगों को इसका लाभ प्राप्त हुआ है और वे आज यहाँ पर आये हैं| हजारों की संख्या में लोग इसका वैबकास्ट भी देख रहे हैं|
हमारे देश में सभी जगह काफी सारी अज्ञानता है| बहुत सारे अंधविश्वास भी हैं| कुछ लोगों का विश्वास है कि घर में शिवलिंग नहीं रखना चाहिये और उसे मंदिर में रख देना चाहिये|
किसने कहा कि शिव लिंग को घर में नहीं रखना चाहिये?
कुछ लोग फूल के कई टुकड़े कर लेते हैं और प्रत्येक भगवान के चित्र पर फूल एक पंखुड़ी चढ़ा देते हैं और सोचते है कि यदि वे सिर्फ एक भगवान के ही चित्र पर फूल चढायेंगे तो अन्य भगवान नाराज़ हो जायेंगे| भगवान एक है परंतु उसके नाम अनेक हैं|
हम अपने आप को इस झंझट में क्यों फँसा लेते है|
सूर्य का प्रकाश सात रंगों को कैसे निर्मित करता हैं और सभी स्वरुप उसी दिव्यता के हैं| मन में इस किस्म के भेद को न रखें|
जो नारियल आप भगवान को अर्पित करते है, वे उन्हें नहीं चाहिए| हमारा जीवन नारियल के जैसा होना चाहिये| नारियल का खोल बाहर से ठोस होता है और वह उसकी रक्षा करता है यदि वह ऊँचाई से नीचे गिर जाये, तो वह शाक एबज़ोरबर का काम करता है| हमारा व्यवहार उसके जैसे होना चाहिये| कोई व्यक्ति कैसा भी हमसे व्यवहार करे हमारा व्यवहार भीतर से अच्छा ही होना चाहिये| यदि कोई हमारी आलोचना करे तो हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिये| हमारा व्यवहार जैसे को तैसा वाला नहीं होना चाहिये| यदि हमारा जूता हमें काट रहा है तो हम जूते को नहीं काटेंगे| यदि किसी का व्यवहार बुरा है तो हमें यह समझना होगा कि उसका व्यवहार बुरा क्यों है| यदि हम उस पर प्रतिक्रिया देते हैं और बुरा व्यवहार करते हैं तो यह बुद्धिमत्ता का प्रतीक नहीं है| जो लोग इस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं वे अंत में जेल जाते हैं और जीवन भर पछताते हैं|
हमें अज्ञानता और अंधविश्वासों को दूर करना होगा| गावों में जाकर लोगों से कहें कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें| कर्नाटक में १००% साक्षरता होनी चाहिये|
एक अन्य प्रकार की अज्ञानता है धर्मान्तरण| कई लोग अपना धर्म इस लिये बदल रहे क्योंकि उन्हें इसके लिये पैसा मिल रहा हैं या उन्हें यह बताया जाता है कि धर्मान्तरण करने से वे उनके सभी पापों और रोगों से मुक्त हो जायेंगे|
सभी धर्म प्रेम के संदेश के बारे में ही बात करते हैं|
हमारे देश की सभी परम्पराओं में उन्होंने महत्वपूर्ण ज्ञान की बात कहीं| बसवन्ना के वचन में जो ज्ञान की विवेचना की गई है (बसवन्ना कर्नाटक के बारहवीं सदी के दार्शनिक थे), वह कहीं पर भी नहीं मिलेगी| कर्नाटक में जन्म लेने का सबसे बड़ा सौभाग्य आप के साथ यह है कि आप को बसवन्ना वचन की बहुमूल्य भेंट प्राप्त है| इन वचनों में अत्यंत बहुमूल्य ज्ञान है|
ज्ञान को अनुभव में परिवर्तित होने के लिये आपको ध्यान करना होगा|
हमें अन्याय के खिलाफ लड़ना होगा| भ्रष्टाचार उस चिंताजनक उच्च स्तर पर पहुँच गया है उससे ऐसा महसूस होता है कि इससे ज्यादा बदतर नहीं हो सकता| एक सी. बी. आई. ऑफिसर के अनुसार भारत का चौबीस लाख करोड रूपए का काला धन अंतर्राष्ट्रीय बैंकों में जमा है| हम कहते हैं कि भारत गरीब देश है और हम दूसरे देशों के लोगों को हमारे देश में व्यवसाय स्थापित करने के लिए आमंत्रित करते हैं| और कुछ लोग हमारे देश का पैसा अंतर्राष्ट्रीय बैंकों में जमा करते हैं और साथ में इस देश पर हुकूमत भी करते हैं| हमारे देश के भोले भले लोग इस तरह के लोगों की बातों में आकर बेवक़ूफ़ बनते हैं और बार बार ऐसे लोगों को नेता चुनते हैं|
अगर हमारे देश का सारा पैसा वापस आ जाये, तो यहाँ पर गरीबी नहीं रहेगी| कुछ लोग मुझे सलाह देते हैं; गुरूजी, आपको अध्यात्मिक पथ पर ही रहना चाहिए और राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए’| आप ही बताइए, क्या मुझे चुप रहना चाहिए या इस बारे में बोलना चाहिए? (दर्शकों का जोर से जवाब हाँ, हमें बताइए)
दूसरे देश उनके बैंकों में जमा काले धन का ब्यौरा देकर हमारी मदद करने को तैयार हैं, पर हमारी सरकार इसके लिए इजाजत नहीं दे रही है|
भ्रष्टाचार हर जगह है, गावों से लेकर केंद्र की सरकार तक| कितना समय और प्रयास लगता है एक फाइल को आगे बढ़ाने में, एक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में| कुछ अच्छे अधिकारी एवं नेता भी हैं, पर वे मजबूर हैं| अगर हमें इस परिस्तिथि को बदलना है, तो हमें यह शपथ लेनी होगी कि ना हम रिश्वत लेंगे, ना ही रिश्वत देंगे| अगर यहाँ पर कई भी अधिकारी उपस्तिथ हैं, तो वे प्रण करें कि वे रिश्वत नहीं लेंगे, कम से कम एक साल के लिए| अगर कोई रिश्वत मांगता है, तो उसके पास कुछ १० लोगों के समूह में जाइये| अगर हमारे देश में सुधार लाने का यही एक रास्ता है|
चुनाव में अच्छे लोगों को चुनिए| पैसे का अथवा बाजुओं का जोर इस्तेमाल करना गलत है| वे लोग अपना कमाया पैसा नहीं देते हैं, बल्कि हमारा पैसा ही देते हैं| इससे हमें मूर्ख नहीं बनना है| ऐसा नहीं है कि सभी राजनेता खराब हैं| कुछ अच्छे अधिकारी एवं राजनेता भी हैं जिन्हें हमारे समर्थन की जरूरत है|
हमें जाति और धर्म की सीमाओं से ऊपर उठकर समाज के सुधार की दिशा में कार्य करना चाहिए| हमें लोगों का समर्थन करना चाहिए चाहे वे किसी भी जाति अथवा धर्म के हों, जिनपर अन्याय हुआ हो| तभी हम अपने आपको भक्त कह सकते हैं| भगवान के भक्त को देश के प्रति भी भक्ति होनी चाहिए| ऐसे ही एक देशभक्त को भगवान का भक्त हो जाना चाहिए तभी उसकी देश भक्ति को प्रामाणिक रूप से सत्य माना जायेगा|
हमें हमारे देश से कमियों को दूर करना होगा| किसानों को जैविक खेती करनी चाहिए| हमारे पास विशेषज्ञ हैं जो कि आपको आपके उत्पादन की अच्छी कीमत दिलाने में मदद करेंगे| वे आपको रसायन मुक्त खेती करने में भी मदद करेंगे| हमें बीज, पानी और मिट्टी को रसायनों के द्वारा दूषित होने से बचाना चाहिए| सब्जियों की कीमतों में थोड़े ही समय में बहुत उतार चढ़ाव आ जाता है| यह योजना के अभाव के कारण ऐसा होता है|
हमें हमारे वातावरण से गंदगी और अस्वस्थकारी हालातों को दूर करना चाहिए| हर तरफ धूल एवं गंदगी है| हमारा मन एवं वातावरण स्वच्छ रहना चाहिए| दूसरे देशों में वातावरण साफ़ रहता है| हमारे देश में लोगों के मन साफ़ हैं, वातावरण गन्दा है| क्या अपने देखा है, कोई भी पशु अथवा चिड़िया वातावरण को गन्दा नहीं करते? इतने सारे जानवरों के होने के बावजूद हर जंगल स्वच्छ है| मनुष्य ही अपने आपको एवं वातावरण को अशुद्ध करता है| ये मत सोचिये कि ये सरकार का काम है| हमें उनके साथ मिलकर इस वातावरण को साफ़ बनाना होगा| हर पखवाड़े में दो घंटे दीजिए| पचास से सौ लोगों के समूह में मिलकर अपने पास पड़ोस को साफ़ कीजिये|
सत्संग में जाइये| यह आपको और वातावरण को शुद्ध करेगा| सेवा से बाहरी साफ़ सफाई होती है और ध्यान से अंदर की सफाई| दोनों की जरूरत है|
दस्तावेजों के अनुसार अंग्रेज ९०० सोने से भरे हुए जहाज हमारे देश से ले गए थे| क्या आपको मालूम है कि पहला हवाई जहाज किसने बनाया था? बंगलोर कि अनेकल तहसील के सुब्बाराया शर्मा ने| वे मुंबई गए और वहां पर उन्होंने अपना पहला जहाज उडाया| अंग्रेजों ने उनको व उनके आर्थिक मददगार नौरोजी को जेल में डाल दिया| राईट बंधुओं ने इसके ३० वर्ष बाद अपना जहाज उडाया| भारत के बारे में इस तरह का बहुत सा ज्ञान वेबसाइट bharatgyan.com पर उपलब्ध है| उस समय अंग्रेज हमारा ढेर सारा सोना ले गए, और अब हमारे देशवासी हैं जो हमारे यहाँ का काला धन अंतर्राष्ट्रीय बैंकों में जमा कर रहे हैं| अगर हमारे देश का काला धन हमें वापस मिल जाये, तो हमें टैक्स देने की जरुरत न पड़े| तीन पीढ़ियों तक लोग वैभवशाली जीवन जी सकते हैं| इसके लिए एक क्रांति की जरूरत है|
ऐसा प्रतीत होता है कि हमने अपने देश के बारे में सोचने की क्षमता खो दी है| हम नाम, प्रसिद्धि एवं अपनी स्तिथि छोटेपन में अटके हुए हैं| अगर हम अपना दायरा बड़ा करके अपने देश की भलाई के बारे में भी सोचें, तो हमारी भलाई भी उसमे शामिल है| आप यह क्यों भूल रहे हैं? अगर अध्यात्म की नीव ही नहीं होगी, हमारा जीवन बहुत नीरस हो जायेगा|
हमारे स्कूल के दिनों में हमारे पाठ्यक्रम में सुबशितास (संस्कृत की चौपाइयां) और दूसरे महान ज्ञान शामिल थे| बहुत सारे राज्यों में उन सबको हटा दिया गया है| ये सब बच्चों को सिखाने की जरूरत है| यह सब वापस लाना होगा|
मध्य प्रदेश में भगवद गीता को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का विरोध हुआ| एक केस दर्ज हुआ यह कहते हुए कि यह विशेष धर्म के अंतर्गत आता है| सौभाग्यवश, हाई कोर्ट के मत अनुसार भगवद गीता सिर्फ लोगों को कैसे अपने जीवन में प्रगति करनी है, इसके बारे में बताती है| हमारे बच्चों को यह ज्ञान सिखाना चाहिए| तभी हिंसा मुक्त समाज की प्राप्ति हो सकती है|
आज वेलेनटाइनस डे है|
क्या आपको मालूम है कि पुराने समाज, पुराने समय में मदर्स डे या फादर्स डे नहीं होते थे| उस समय साल का एक दिवस माता अथवा पिता को समर्पित नहीं होता था| परन्तु उस समय कहा जाता था कि दिन का कुछ हिस्सा माता और पिता को समर्पित कीजिये| तो, प्रातः जागने पर कुछ मिनिट अपने पिता को और माता को दीजिए| और उसके बाद प्रकृति को अपना वेलेनटाइन मानिये| सुबह के सूरज को अपना वेलेनटाइन मानिये| और शाम को, जब सूर्य अस्त होता है, कितना रोमांचक लगता है जब हम संपूर्ण श्रृष्टि को, प्रकृति को देखते हैं, तब आपको जिस देवत्व का अहसास होता है, उसे वेलेनटाइन मानिये| तो दिन के हर क्षण में वेलेनटाइन है|
तो, हर घर में बच्चों को सोचना चाहिए, यह समय मेरे माता-पिता के साथ के लिए है| वह आधा घंटा भी हो सकता है अथवा कुछ मिनिट| बच्चों को हर दिन आधा या एक घंटा अपने माता पिता के साथ गुजारना चाहिए| अगर एक वक्त के खाना भी एक साथ बैठ कर खाया जाये, तो यह समझना चाहिए कि हमने मदर्स डे या फादर्स डे मनाया है|
उसी तरह से, जब आप जागते हैं और देखते हैं कि ये संपूर्ण श्रृष्टि हमारी वेलेनटाइन है, देश हमारा वेलेनटाइन है, देवत्व वेलेनटाइन है, ज्ञान वेलेनटाइन है, तो वेलेनटाइन डे खत्म नहीं होगा| साल के ३६५ दिन वेलेनटाइन डे हैं| मुझे इसी तरह महसूस होता है; हर दिन वेलेनटाइन डे है|
आश्रम का हर दिवस वेलेनटाइन डे है, और यह सब भक्तों को ज्ञात है| यह सिर्फ एक बहाना है जब आप कहते हैं; आज वेलेनटाइन डे है, परन्तु कोई भी अगर आपके चेहरे को देखे, वे समझ जायेंगे कि आप वेलेनटाइन क्षण में हैं| इतना प्रेम हर किसी के चेहरे, व्यवहार से व्यक्त हो रहा है| आपकी प्रकृति को देखकर लोग कहेंगे, ओह, शायद आप आज वेलेनटाइन डे मना रहे हैं| हां? तो, गरीब लोग साल के एक दिन ही उत्सव मानते हैं, क्योंकि वे उतना ही खर्च कर सकते हैं, परन्तु अमीर हर दिन और हर क्षण उत्सव मानते हैं| और आप लोग तो कितने धनवान हैं| अध्यात्मिक ज्ञान के धनी और खूबसूरत ज्ञान के|
मैं यह कह रहा हूँ खूबसूरत ज्ञान, परन्तु, ज्ञान प्राप्त करना बहुत कठिन है और खूबसूरती दुर्लभ है| परन्तु मैं कहूँगा, यह खूबसूरत ज्ञान है, मस्तिष्क के लिए ज्ञान और, दिल के लिए खूबसूरती|



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