परम पूज्य श्री श्री रविशंकर जी के द्वारा
विश्व में भगवान के अलावा
किसी का भी अस्तित्व नहीं है। यदि आप भगवान शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं तो
आप ऊर्जा या बुद्धि कह सकते हैं। सृष्टि का मूल सारे अस्तित्व में विद्यमान है। और
वह सिर्फ एक है; सिर्फ एक सूर्य, परन्तु आप उसे किसी भी खिड़की
से देख सकते हैं।
इस दुनिया में कई पैगंबर
आये और चले गये। वे सब एक खिड़की के जैसे थे।
किसी भी खिड़की से आप उसी
सूर्य, आकाश को देख सकते हैं। एक आकाश जो एक दीवाल के पीछे है वह एक
खिड़की के पीछे भी है। भगवान हर किसी में है वह कुत्ते, बिल्ली, पेड़ पत्ती और चीटीयों में भी है| वह सृष्टि के हर चीज में
है। खिड़की से आप उससे चूक ही नहीं सकते क्योंकि खिड़की बहुत पारदर्शी होती है। वह
प्रेम और मौन छूट ही नहीं सकता। वह सब एक है।
शब्दों का उद्देश्य सारे
शब्द जिनका हम प्रयोग करते हैं और जो वार्तालाप हम करते हैं, उसका हमारे दिलों में प्रेम और मौन का सृजन करना होता है। यदि शब्द लोगों के मन
में अशांति लाते हैं, तो उन शब्दों ने सचमुच अपने आप को
पूरा नहीं किया है और वे अपने सही पथ पर नहीं
है।
दिल के इस
मौन को हम कैसे प्राप्त कर सकते हैं? लोगों और बातों के प्रति
आभारी रहें। यदि यह कठिन है तो कुछ अभ्यास करें; जैसे ध्यान, कुछ श्वास, प्रक्रियायें, कुछ व्यायाम जो मन को शांत
करने में सहायक हैं। जब आप शिकायत कर रहे होते है, और किसी बात से अप्रसन्न
हैं तो आप आभारयुक्त नहीं रह सकते, क्या आप आभारयुक्त रह सकते हैं? परन्तु आप सारी परिस्थिति के प्रति सजग हो सकते हैं। तो वह पहला कदम है। जब मन
शिकायत कर रहा होता है तो वह इस बात से सजग नहीं होता कि वह शिकायत कर रहा है। उससे
सजग होना पहला कदम है फिर आपके पास क्या है उसके प्रति सजग होना है। आपका दिल आभार
से परीपूर्ण हो जायेगा। फिर सारी शिकायत गायब हो जायेगी और आप काफी सरल, स्वाभाविक, प्रेमपूर्ण और मुक्त हो जायेंगे।
भगवान की परिभाषा क्या है? भगवान का अर्थ है जो सब तरफ फैला है जो सर्वव्यापी है। जो हर जगह है, मुझ में है, आप में है और अन्य सभी लोगों में हैं। यदि मन में तनाव
है तो भगवान का अनुभव नहीं हो सकता है। यदि शीशा पारदर्शी नहीं है तो सूर्य को नहीं
देखा जा सकता है या जब खिड़की बंद हो तो सूर्य को नहीं देखा जा सकता है।
कुछ अभ्यास
जैसे ध्यान श्वास प्राणायाम उस खिड़की को खोलने में, सारे तनाव को निकालने में, और अद्भुत महसूस करने में सहायता प्रदान करते है। वह आपके
दिल में आभार के बीज को बो देते है और वह आपको उसके पास पहुंचा देता है जो सबसे उच्च
है।© The Art of Living Foundation