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प्रश्न : आज के समय में पैसा और शक्ति बहुत जरुरी है| इन सब को पाने के लिए आध्यात्मिकता कैसे मदद करेगी?
श्री श्री रवि शंकर : आपको अमीर बनने के लिए कुछ गलत करने की जरूरत नहीं है| वास्तव में गलत तरीके से पाया हुआ धन बहुत थोड़े समय के लिए रहता है| आध्यात्मिकता से आप में अंतर्ज्ञान विकसित होता है और सकारात्मक विचार आतें हैं। इन सबसे आपमें सही निर्णय लेने की क्षमता आती है|
आपने कभी महसूस किया है कि कुछ लोगों से आप बचने की कोशिश करते हो और कुछ लोगों से आप बात करना चाहते हो? हम में से हर किसी से कुछ खास तरंगे आती हैं| हमारे शब्दों की बजाय इन तरंगों के द्वारा हम अधिक व्यक्त करतें हैं| यदि यह तरंगे सकारात्मक हो जाएँ तो सब कुछ बदल जाता है| इस तरह हमारी पारस्परिक निपुणता बढ़ती है|
प्रश्न : मैं जानता हूँ कोई शादी करके खुश नहीं रह सकता| परन्तु क्या कोई शादी करके प्रबुद्ध हो सकता है?
श्री श्री रवि शंकर : आप ऐसा क्यों सोचते हो कि कोई शादी करके खुश नहीं रह सकता? आप शादी शुदा हो कर खुश भी हो सकते हो| बहुत से कुंवारे लोग हैं जो खुश नहीं है| खुश रहना तो एक स्वभाव है जो आप चुन लेते हो| ये केवल आप पर निर्भर करता है| बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास नौकरी नहीं है पर खुश हैं| समझदार बनो ओर खुश रहो| चाहे जो भी करो - शादी,बिना शादी के,नौकरी,बिना नौकरी के..परन्तु जो भी कर रहे हो, आपको खुश रहने की जरूरत है|
प्रश्न : दुनिया में बहुत सारी संस्कृतियाँ हैं| क्या कुछ ऐसा है जो सब में समान है?
श्री श्री रविशंकर : कुछ विशेष बातें हैं जो सब जगह मिलती हैं| सुदर्शन क्रिया सब जगह है| आज आप यदि अर्जेंटीना जाते हो,आपको वहां ’आर्ट ऑफ़ लिविंग’ मिलेगा| आप उत्तरी ध्रुव में जाइये वहां आपको ’आर्ट ऑफ़ लिविंग’ मिलेगा| आप मंगोलिया जाओ,वहां ’आर्ट ऑफ़ लिविंग’ मिलेगा| आप फिजी जाओ,न्यूज़ीलैंड जाओ आपको कोई न कोई व्यक्ति सुदर्शन क्रिया करते मिल जाएगा| इसी लिए ’आर्ट ऑफ़ लिविंग’ में सारी बातें सार्वभौमिक रखी हैं|
किसी एक समय में दुनिया जुड़ी हुई थी| अर्जेंटीना में पेरू के लोग अरुणाचल प्रदेश के मूल निवासियों की तरह बहुत सी चीजें करते हैं| अरुणाचल प्रदेश के जन जाति और ब्रिटिश के वेनकोवर के लोगों की बहुत सी बातें एक जैसी हैं| दोनों जगह के लोग दिशायों की पूजा करते थे| दुनिया के विभिन क्षेत्रों के मूल निवासियों में बहुत सी सामानताएं हैं| लिथुयानिया के लोग आपका अभिवादन ब्रेड और नमक से करेंगे। नमक वहां बहुत कीमती चीज है क्योंकि वहां समुद्र नहीं है | इसी तरह से केरल के लोग एक गमले में धान दरवाजे के बाहर लगा रखते हैं जो यह दर्शाता है कि घर में भंडार है और आपका स्वागत है|
कुछ विशेष समानताएं हैं,और कुछ चीजें दूसरे देशों और संस्कृति से बिल्कुल अनोखी और अलग हैं| ये भिन्नताएं रहनी चाहिए| प्रत्येक देश और संस्कृति को यह अद्वितीयता बना कर रखनी चाहिए|रुसी लोगों के लोक नृत्य बहुत सुंदर हैं| डेनमार्क के लोगों के अपने सुंदर तरीके हैं|
प्रेम,करुणा,ध्यान,योग - ये सब सार्वभौमिक हैं|
प्रश्न: मेरे मित्र मुझसे पूछते हैं कि उनके लिए कौन सा ध्यान अच्छा है। मुझे क्या कहना चाहिए उन्हे?
श्री श्री रवि शंकर: यहाँ पर बहुत सी सी डी हैं। कोई भी ध्यान उनके लिए अच्छा होगा।
प्रश्न : क्या मृत्यु के बाद जीवन है?
श्री श्री रवि शंकर : हाँ।
प्रश्न : २१ दिसंबर २०१० को विश्व खत्म हो जाएगा। इस पर आप क्या कहेंगे?
श्री श्री रवि शंकर : मिथ्या कल्पना है।
प्रश्न : मन में विचार कैसे उठते हैं?
श्री श्री रवि शंकर : मैं यह आश्चय करने के लिए तुम पर छोड़ता हूँ। यह एक रहस्य है। रहस्य को मैं माइक पर नहीं बता सकता।
प्रश्न : ब्रह्मचर्या क्या है?
श्री श्री रवि शंकर : मैने इस विष्य पर योगासूत्र में बोला है। तुम्हे उसे सुनना चाहिए। ब्रह्मा का अर्थ है असीम चेतना। ब्रह्मचर्या का अर्थ है उस असीम चेतना में स्थिर हो जाना।
प्रश्न : प्रिय गुरुजी, मैं बहुत बुद्धिमान हूँ। मुझे किसी ने कहा था कि बुद्धिमान व्यक्ति ध्यान नहीं कर सकता। मैं मूर्ख कैसे बनु?
श्री श्री रवि शंकर : फिर तो मूर्ख वुक्ति भी ध्यान नहीं कर सकता! तुम्हे किसने कह दिया तुम बुद्धिमान हो। तुमने स्वयं को ही लेबल कर लिया कि तुम बुद्धिमान हो। जो व्यक्ति अपने पर किसी तरह का लेबल लगाता है वो मूर्ख ही होता है। यह प्रश्न पूछने से ही तुमने जो चाहा वो तुम्हे मिल गया। यह प्रश्न पूछने की ज़रुरत पड़ी तो तुम बुद्धू हो ही गए।
प्रश्न : क्या हमे भीखारी को कुछ देना चाहिए?
श्री श्री रवि शंकर : अगर कोई हट्टा कट्टा हो, बलवान हो तो नहीं देना चाहिए। देख लेना कहीं वो तुमसे ही ज़ोर ज़बरदस्ती से पैसे नहीं निकलवाए। बच्चों को भी इसमें प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। अगर तुम्हे कोई वृद्ध महिला मिले और वो कुछ ना कर सकती हो तो उस समय अपने मन की बात सुन लेना। अपने अंतर्मन की आवाज़ सुनो। पर अच्छा है पैसे की बजाए अगर खाने के लिए कुछ दे दिया जाए।
प्रश्न : हमारे माँ-बाप हमसे इतनी अपेक्षा क्यों करते हैं?
श्री श्री रवि शंकर : कुछ सालों में तुम्हे भी मालूम हो जाएगा। मगर तब यह भूलना नहीं कि कभी तुमने भी यह प्रश्न पूछा था।
प्रश्न : आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। हम आपके लिए क्या कर सकते हैं?
श्री श्री रवि शंकर : तुमसे देश का बहुत कुछ होना है। जैसी खुशी तुम्हे मिली है, अगर तुम ऐसे ही १०, २०..५० लोगों के जीवन में खुशी लाओ। जब तुम खुश होगे और औरों को खुश करोगे तो मुझे इससे खुशी ही मिलेगी।
प्रश्न : पैसे कमाने इतना मुश्किल है। पैसे कमाने का कोई आसान तरीका है क्या?
श्री श्री रवि शंकर : तुम इतने बूढ़े हो गए हो तो मैं तुम्हे कोई आसान रास्ता बताता। तुम में उत्साह है, तुम बुद्धिमान हो..
प्रश्न : ’आर्ट ओफ़ लिविंग’ से इतने लोग जुड़े हैं। हम राजनीति में क्यों नहीं जा रहे?
श्री श्री रवि शंकर : अगर तुम्हारा मन उस दिशा में इतनी रूचि ले रहा है तो तुम्हे ज़रूर जाना चाहिए। मेरा सहयोग तुम्हारे साथ है।
प्रश्न : Basic course और Advance course करने के बाद मेरा गुस्सा ८० प्रतिशत कम हो गया है। मेरा बाकी का गुस्सा कब खत्म होगा?
श्री श्री रवि शंकर : वो भी कम हो जाएगा। थोड़ा गुस्सा रख भी सकते हो। दूसरों के मनोरंजन का साधन तो बन जाता है!
प्रश्न : हमारे शरीर में उर्जा चक्र कौन से होते हैं?
श्री श्री रवि शंकर : अभी तुम्हारा Advance course बाकी है ना? थोड़ा इंतज़ार करो। उत्तर अभी ब्रेक के बाद!
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